प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही अमीना खातून को मिला न्याय
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मिलने वाली पहली किस्त के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही खगड़िया जिले के रामपुर गोगरी गांव की अमीना खातून को आखिरकार न्याय मिल गया है। बैंक की लापरवाही से किसी और के खाते में ट्रांसफर हुई योजना की राशि को अब सुधार कर अमीना के खाते में भेज दिया गया है। यह संभव हो पाया है बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम (Bihar Public Grievance Redressal Act) के तहत की गई शिकायत के कारण।
क्या था मामला?
अमीना खातून को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किस्त की मंजूरी कई साल पहले मिल चुकी थी। लेकिन बार-बार पंचायत कार्यालय और बैंक के चक्कर लगाने के बावजूद भी उन्हें राशि नहीं मिल रही थी। जांच के दौरान पता चला कि बैंक की एक गलती के कारण अमीना के नाम स्वीकृत राशि किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हो गई थी।
इस वजह से अमीना का सपना अधूरा रह गया था। वह कच्चे मकान में जीवन यापन कर रही थी और कई बार अधिकारियों से मिलकर शिकायत भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम ने दिलाया हक
आखिरकार, अमीना ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने मामले की जांच कराई और गलती को स्वीकार किया। जांच में पुष्टि हुई कि बैंक की ओर से तकनीकी त्रुटि के कारण राशि गलत खाते में चली गई थी।
प्रशासन के निर्देश पर बैंक ने गलती सुधारते हुए अब वह राशि अमीना खातून के वास्तविक खाते में भेज दी है।
अब शुरू होगा पक्का घर बनने का सपना
राशि ट्रांसफर की जानकारी मिलने के बाद अमीना की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। उन्होंने कहा—
"मैंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन अब लग रहा है कि मेरा भी अपना पक्का घर बन पाएगा। प्रशासन और लोक शिकायत निवारण कानून का धन्यवाद, जिसने मेरी आवाज सुनी।"
अधिकारियों का क्या कहना है?
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला सरकारी योजनाओं के पारदर्शी और जवाबदेह क्रियान्वयन के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की सफलता का उदाहरण है। ऐसे मामलों में सभी लाभार्थियों को इस अधिनियम का लाभ उठाना चाहिए।