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मुआवज़े के नाम पर रिश्वत मांग रहा था अमीन, निगरानी विभाग ने रंगेहाथों पकड़ा

 

राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए बिहार राज्य सतर्कता शाखा (विजिलेंस) ने गुरुवार को किशनगंज जिले में एक बड़ी कार्रवाई की। महानंदा बेसिन परियोजना के अंतर्गत कार्यरत अस्थायी अमीन निरंजन कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब वह पीड़ित से पैसे लेते हुए पकड़ा गया।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मामला किशनगंज के महानंदा नदी पर बन रहे प्रस्तावित बांध निर्माण परियोजना से जुड़ा है। इस प्रोजेक्ट के तहत जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय निवासी मोहम्मद अजमेर आलम की जमीन अधिग्रहित की गई थी। नियमानुसार, उन्हें मुआवज़े की राशि मिलनी थी। लेकिन सर्वेक्षण विभाग में तैनात अमीन निरंजन कुमार ने मुआवज़े की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के बदले अजमेर आलम से बार-बार रिश्वत की मांग की।

निरंजन कुमार ने स्पष्ट तौर पर एक लाख रुपये की मांग की और भुगतान के बिना मुआवज़े की फाइल आगे न बढ़ाने की धमकी दी। परेशान होकर पीड़ित अजमेर आलम ने अन्य स्थानीय निवासियों के सहयोग से राज्य सतर्कता शाखा से संपर्क किया और लिखित शिकायत दर्ज कराई।

निगरानी विभाग की कार्रवाई

शिकायत की जांच के बाद निगरानी विभाग ने ट्रैप योजना बनाई। गुरुवार सुबह जैसे ही अजमेर आलम ने तय स्थान पर अमीन निरंजन कुमार को एक लाख रुपये दिए, सतर्कता टीम ने मौके पर छापा मारकर उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। अमीन के पास से रिश्वत की पूरी रकम बरामद कर ली गई है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की पुष्टि करते हुए निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उसे पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम किया जा रहा है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा संदेश

इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों ने निगरानी विभाग की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि वर्षों से कई सरकारी कर्मचारी मुआवज़े और अन्य योजनाओं के नाम पर रिश्वतखोरी करते आ रहे हैं। इस गिरफ्तारी से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को चेतावनी मिलेगी।