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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले फर्जी नामों से निवास प्रमाण पत्र का बड़ा मामला, आरजेडी कनेक्शन सामने आया

 

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक चौंकाने और हास्यास्पद मामला सामने आया है, जिसने राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मामले में 'डॉग बाबू', 'सैमसंग', 'डॉगेश बाबू' और 'सोनालिका ट्रैक्टर' जैसे फर्जी नामों से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किए गए थे। इन नामों से आवेदन करने वाले कई व्यक्तियों को निवास प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए गए थे। यह मामला इस समय राज्य के लिए चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि इसके पीछे राजनीतिक साजिश का संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

गिरफ्तार व्यक्ति का आरजेडी कनेक्शन
इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, और जांच के दौरान यह पता चला कि गिरफ्तार व्यक्ति का लालू यादव की पार्टी आरजेडी से गहरा संबंध है। इसके बाद से यह मामला और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि इस बात को लेकर कई राजनीतिक दल और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है।

फर्जी नामों से निवास प्रमाण पत्र जारी करने की साजिश
यह पूरा मामला निवास प्रमाण पत्र के जारी होने के नियमों और प्रक्रिया के उल्लंघन का प्रतीक है। बताया जा रहा है कि कई लोगों ने जमानतदार या गवाह के रूप में फर्जी नामों का इस्तेमाल किया था, जिनके खिलाफ अब जांच चल रही है। विशेष रूप से, इस तरह के नामों का उपयोग विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया हो सकता है, ताकि वोट बैंक को प्रभावित किया जा सके।

विधानसभा चुनाव में सियासी हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने का समय बाकी है, और इस तरह की घटनाएं राजनीतिक माहौल को और भी गंभीर बना देती हैं। इस मामले के सामने आने के बाद से विपक्षी दलों ने आरजेडी और राज्य सरकार पर तंज कसा है। उनका कहना है कि इस घटना से साफ है कि बिहार की राजनीतिक व्यवस्था में कितना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है।