×

बिहार में तकनीकी शिक्षा को मिलेगा नया आयाम, SBTE और IIT मुंबई के बीच हुआ समझौता

 

बिहार में तकनीकी शिक्षा को और प्रभावी और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ी पहल की है। बिहार राज्य तकनीकी शिक्षा पर्षद (SBTE) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मुंबई के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया गया है, जिसके तहत राज्य के **पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को मुफ्त तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।

यह प्रशिक्षण IIT मुंबई के स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट के माध्यम से दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP) और स्किल इंडिया मिशन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है।

🔍 क्या है स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट?

स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट, IIT मुंबई द्वारा संचालित एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें विभिन्न तकनीकी विषयों पर वीडियो आधारित प्रशिक्षण सामग्री तैयार की गई है। इसमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर स्किल्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे विषय शामिल हैं।

इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि यह भाषा की बाधा को दूर करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है, जिससे बिहार के ग्रामीण और हिंदी भाषी छात्र भी आसानी से इस प्रशिक्षण का लाभ उठा सकेंगे।

🎯 MoU के मुख्य बिंदु

  • लाखों छात्रों को मिलेगा निशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण

  • ट्रेनिंग कंटेंट पूरी तरह से ऑनलाइन और वीडियो आधारित होगा

  • सभी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग संस्थानों को इससे जोड़ा जाएगा

  • प्रशिक्षण के अंत में ऑनलाइन टेस्ट के बाद छात्रों को प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) भी मिलेगा

  • ट्रेनिंग सामग्री हिंदी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगी

🎓 राज्य सरकार और SBTE की मंशा

SBTE के अधिकारियों का कहना है कि यह समझौता तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। छात्रों को आधुनिक तकनीकों की समझ और व्यावहारिक जानकारी मिलने से रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।

SBTE अध्यक्ष ने कहा कि इस कदम से न केवल छात्र तकनीकी रूप से दक्ष होंगे, बल्कि बिहार में इनोवेशन और स्टार्टअप संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा

💬 शिक्षा विशेषज्ञों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इस पहल की खुले दिल से सराहना की है। उनका मानना है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेंगे