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BHILWARA  बेटे के इलाज के लिए ठेकेदार से पैसे लेने आई थी, रुकने का कहकर फोन बंद किया , मासूम की थम गईं सांसें

 

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! इलाज के अभाव में एक 3 साल के बच्चे ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया।स्थानीय लोगों ने जब रोने का कारण पूछा तो पूरा माजरा समझ में आया। ग्रामीणों ने इस संबंध में पुलिस को सूचना दी। पुलिस भी संवेदनहीन बनी रही। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर पैसे इकट्ठे कर महिला को उसके गांव जोजावर पहुंचाया। पाली जिले के जोजावर निवासी आशा पत्नी गोम सिंह रावत 3 साल के बेटे को लेकर बदनौर आई थी। आशा का बेटा बीमार था। सोमवार को बच्चे का इलाज कराने के लिए ठेकेदार से मजदूरी के पैसे लेने आई थी। ठेकेदार ने उसे रुकने को कहा था। खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि,भीलवाड़ा के बदनौर कस्बे में सोमवार दोपहर को मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया।इस बीच ठेकेदार ने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया। बच्चे की तबीयत बिगड़ने से उसकी वहीं मौत हो गई।आपकी जानकारी के लिए बता दे की,आशा ने बताया कि उसने ठेकेदार को बताया था कि उसका बच्चा बीमार है। उसके पास पैसे नहीं हैं। गांव से 300 रुपए उधार मिले थे। उसका पति भी उसके साथ आना चाहता था।

महिला को उम्मीद थी कि ठेकेदार उसे मजदूरी के पैसे दे देगा। ठेकेदार ने फोन बंद कर लिया। इस दौरान बच्चे को उल्टी हुई। दस्त भी होने लगे। कुछ देर बाद बच्चे का शरीर सुन्न हो गया। देखा तो उसकी सांसें नहीं चल रही थीं। इसके बाद आशा रोने लगी। रोता देख आसपास के कुछ लोगों ने उससे कारण पूछा। इसके बाद घटना का पता चला। लेकिन महिला को अपने गांव जाने के लिए भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।ग्रामीणों ने बताया कि आशा को उसके गांव तक पहुंचाने के लिए करीब 3 हजार रुपए इकट्ठे कर लिए गए थे। 300 रुपए में दोनों का किराया पूरा नहीं हो पा रहा था। बच्चे का शव लेकर उसके साथ गांव कौन जाएगा, पुलिस की मदद मांगी गई थी। पुलिस ने इस पूरे मामले से अपने हाथ खड़े कर दिए। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। काफी देर थाने के आगे ग्रामीण खड़े रहे। इसके बाद ग्रामीणों ने एक निजी कार से महिला और उसके बच्चे के शव को गांव के लिए करीब 4 बजे रवाना किया।