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नदबई के एयरफोर्स जवान का असम में निधन, 40 दिन पहले हुई थी शादी, सैन्य सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार

 

भरतपुर के नदबई क्षेत्र के बेलारा गांव में सोमवार का दिन कभी न भूलने वाला दिन बन गया। गांव का वीर सपूत और भारतीय वायुसेना का जवान सौरभ फौजदार अब इस दुनिया में नहीं रहा। सौरभ की असम के कुंभी गांव में वायुसेना बेस पर ड्यूटी के दौरान अचानक मौत हो गई। जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची, एक खुशहाल और समृद्ध परिवार एक पल में शोक में डूब गया। गांव की हर गली, हर कोना गम और शांति में डूब गया।

नारों से गूंज उठा आसमान

सोमवार को जब सौरभ का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर देखकर पूरा गांव रो पड़ा। गांव के युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी उनके अंतिम दर्शन के लिए दौड़ पड़े। आसमान "भारत माता की जय" और "सौरभ अमर रहे" के नारों से गूंज उठा, लेकिन इन नारों के बीच भी लोगों की आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। मां की चीखों से गूंज उठा आंगन, पिता बेटे को देखता रहा

सौरभ अपने पीछे नवविवाहिता पत्नी, माता-पिता, एक छोटा भाई और एक विवाहित बहन को छोड़ गया है। मां अपने छोटे बेटे का शव देखकर बार-बार बेहोश हो जाती थी। कभी ताबूत को छूती तो कभी बेटे की फोटो को सीने से लगाकर दहाड़ मारकर रोती। पिता कन्हैया सिंह जो खुद किसान हैं, बेटे को देखकर स्तब्ध रह गए। उनकी आंखें आंसुओं से भरी थीं, लेकिन ऐसा लग रहा था कि उनकी आवाज गले में ही अटक गई है।

पत्नी की आंखों से सपनों के मोती लगातार बह रहे थे

सौरभ की पत्नी का नजारा सबसे हृदय विदारक था। उनकी शादी को अभी एक महीना ही हुआ था। उनकी आंखों में कोई सपने नहीं थे, सिर्फ आंसू थे। कभी वह ताबूत से लिपट जाती तो कभी जोर-जोर से रोती, "सौरभ, पापा, मुझे सौरभ ला दो, इतनी जल्दी कैसे छोड़ गए।" उसकी चीखें सभी के दिलों को चीर रही थीं।

सौरभ के अंतिम संस्कार में नदबई ही नहीं बल्कि आस-पास के गांवों से भी हजारों लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ ने साबित कर दिया कि सौरभ न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे क्षेत्र का बेटा था। वायुसेना की टुकड़ी ने उसे सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। वायुसेना के अधिकारियों के साथ विधायक जगत की ओर से नदबई के सीओ अमरसिंह राठौड़ और निजी सचिव सतेंद्र उर्फ ​​गुड्डू ने पुष्पांजलि अर्पित कर उसे सलामी दी। शव यात्रा गांव की गलियों से गुजरी तो हर गली गूंज उठी।