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कौन हैं दीप्ती जीवनजी ? जिन्होंने पेरिस पैरालंपिक में देश का नाम किया रोशन 

 

स्पोर्टस न्यूज डेस्क !!! भारतीय एथलीट दीप्ति जीवनजी पेरिस पैरालिंपिक 2024 में ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं। उन्होंने महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। इससे पहले यह कारनामा प्रीति पाल ने किया था, जिन्होंने इसी पैरालंपिक में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भारत के लिए पहला पदक जीता था। दीप्ति जावंजी ने इस स्पर्धा में 55.82 सेकेंड में अपनी दौड़ पूरी कर कांस्य पदक जीता है. वहीं, इस इवेंट में यूक्रेन के रेस्को ने 55.16 सेकेंड में अपनी रेस पूरी कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है. वहीं, तुर्की के आयसेल ओन्डर ने 55.23 सेकेंड में रेस पूरी कर इस इवेंट का सिल्वर मेडल जीता है.

दीप्ति जीवनजी कौन हैं?

दीप्ति जीवनजी तेलंगाना के वारंगल जिले की रहने वाली हैं। वह बेहद गरीब परिवार से आती हैं. उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे. दीप्ति का परिवार इतना गरीब था कि उनके पास अपनी बेटी को वारंगल से हैदराबाद भेजने के लिए बस का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं थे। दीप्ति की मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसे पड़ोस के लोग भी पीटते थे। अब ये ताना मारने वाले लोग दीप्ति के घर उन्हें बधाई देने पहुंच रहे हैं. दीप्ति के कोच रमेश के मुताबिक दीप्ति ने संघर्षों का सामना करते हुए यह मुकाम हासिल किया है. उनके माता-पिता को भी काफी ताने सुनने पड़ते हैं कि उनकी बेटी मानसिक रूप से कमजोर है, इसलिए उसकी शादी नहीं हो सकती. जब उन्होंने एक स्कूल टूर्नामेंट में दीप्ति की दौड़ देखी तो उन्होंने दीप्ति को प्रशिक्षित करने का फैसला कर लिया।

एक विश्व रिकॉर्ड बन गया है

पेरिस पैरालिंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने वाली दीप्ति जीवनजी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. दीप्ति जीवनजी ने जापान के कोबे में पैरा एथलेटिक वर्ल्ड चैंपियनशिप-2024 में 400 मीटर टी20 वर्ग में 55.06 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके साथ ही उन्होंने एशियन पैरा गेम्स-2023 में अमेरिकी एथलीट ब्रेना क्लार्क का रिकॉर्ड (55.12 सेकेंड) तोड़ दिया। वहीं, एशियन गेम्स-2022 में उन्होंने नया एशियन पैरा रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीता। दीप्ति ने उस समय 56.69 सेकेंड का समय निकाला।

पुरस्कार राशि से खरीदी गई जमीन

दीप्ति जीवनजी की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें अपनी ट्रेनिंग के लिए जमीन तक बेचनी पड़ी। लेकिन, जब उन्होंने पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल के साथ 30 लाख रुपये का इनाम जीता तो उन्होंने इसके साथ जमीन भी खरीद ली। जब भी दीप्ति को कोई पदक या पुरस्कार राशि मिलती है, तो वह उससे जमीन खरीदती है। इस जमीन पर उनका परिवार खेती करता है। दीप्ति जीवनजी के करियर को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की भी भूमिका रही।