पाकिस्तानी खिलाड़ी ने टीम में जगह बनाने के लिए पी शराब, एक खुलासे से दुनिया में मचाया भूचाल, अब तबाह करियर के हाल किए बयां
हर क्रिकेटर का सपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना होता है। इसके लिए खिलाड़ी कड़ी मेहनत करता है। मैदान पर पसीना बहाता है। लेकिन पाकिस्तान में जन्मे एक खिलाड़ी ने भी टीम में जगह पाने के लिए शराब का सहारा लिया। यह खिलाड़ी हैं अज़ीम रफ़ीक। रफ़ीक वही क्रिकेटर हैं जिन्होंने इंग्लिश काउंटी यॉर्कशायर में नस्लवाद का पर्दाफ़ाश करके पूरे क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया था।
रफ़ीक का परिवार क्रिकेट की वजह से पाकिस्तान से इंग्लैंड आया था। वह यॉर्कशायर काउंटी क्लब के लिए खेलते थे। रफ़ीक इंग्लैंड की अंडर-19 टीम के कप्तान भी थे, जिसमें जो रूट, बेन स्टोक्स, जोस बटलर जैसे खिलाड़ी थे। दो साल बाद, वह यॉर्कशायर के पहले एशियाई कप्तान भी बने। लेकिन बाद में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
जगह बनाने के लिए शराब का सेवन
रफ़ीक ने यॉर्कशायर के ड्रेसिंग रूम में नस्लवाद का पर्दाफ़ाश किया था। उन्होंने इस पर "इट्स नॉट बैंटर, इट्स रेसिज़्म" नाम से एक किताब भी लिखी है। इस किताब में रफ़ीक़ ने कई खुलासे किए हैं और बताया है कि टीम में जगह बनाने के लिए वह लोगों से घुलने-मिलने की कोशिश करते थे और इसके लिए उन्होंने शराब भी पी, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा।
अंग्रेजी अखबार द गार्जियन ने रफ़ीक़ के हवाले से लिखा, "मुझे इस बात का अफ़सोस है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसका मैं आनंद लेता हूँ। लेकिन मेरा एक सपना था। मैं इंग्लैंड के लिए खेलना चाहता था और इसके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार था। 15 साल की उम्र में मैंने कार में शराब पी थी।"
नस्लवाद का सामना
रफ़ीक़ ने पहली बार साल 2020 में यॉर्कशायर में नस्लवाद की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि टिम ब्रिसनन ने साल 2017 में उन पर नस्लवादी टिप्पणियाँ की थीं। रफ़ीक़ ने साल 2020 में यॉर्कशायर के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने का फ़ैसला किया था। उनके इस खुलासे से इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड में हंगामा मच गया था। कई खिलाड़ियों को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी थी।