'संन्यास ही लेना था तो...', आकाश चोपड़ा ने रोहित-विराट के टेस्ट रिटायरमेंट के फैसले पर दे दिया बड़ा बयान
भारतीय क्रिकेट टीम के दो स्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली टी20 और टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन कई प्रशंसकों और क्रिकेट पंडितों का मानना है कि दोनों ने गलत फॉर्मेट से संन्यास लिया है। इस संबंध में पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी कहा है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास नहीं लेना चाहिए था।
उनका मानना है कि दोनों के लिए एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) से संन्यास लेना बेहतर होता क्योंकि भारतीय टीम आने वाले दिनों में बहुत कम वनडे क्रिकेट खेलेगी और इस फॉर्मेट में कम मैच होने के कारण उन्हें मैच अभ्यास का बहुत कम मौका मिलेगा। टी20 विश्व कप जीतने के बाद दोनों खिलाड़ियों ने उस फॉर्मेट से संन्यास ले लिया और फिर ऑस्ट्रेलिया के निराशाजनक दौरे के बाद दोनों ने टेस्ट फॉर्मेट को भी अलविदा कह दिया।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "सच्चाई यह है कि उन्होंने गलत फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। वह टी20 विश्व कप जीतने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ देते, लेकिन अगर वह टेस्ट खेलना जारी रखते और वनडे को अलविदा कह देते, तो कहानी कुछ और होती। भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले के 12 महीनों में केवल छह वनडे मैच खेले थे।" चोपड़ा का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा होने से खिलाड़ी लगातार चयन के लिए तैयार रहते हैं और शरीर लंबे समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से जुड़ा रहता है। उन्होंने आगे कहा, "आप एक साल में केवल छह टेस्ट मैच खेल सकते हैं, लेकिन अगर यह केवल छह टेस्ट मैच भी हैं, तो यह 30 दिनों का क्रिकेट होगा। अगर केवल छह वनडे खेले जाते हैं, तो यह केवल छह दिनों का क्रिकेट होगा। आपके आखिरी आईपीएल मैच से अगले वनडे मैच तक 100 दिनों से अधिक का समय लगेगा। आप बिल्कुल नहीं खेल रहे हैं। आप बिल्कुल भी अभ्यास नहीं कर रहे हैं।"