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सावन के पवित्र बुधवार को क्यों करें श्री गणेशाष्टकम् का पाठ? वीडियो में जानें जीवन बदलने वाले इस स्तोत्र के अद्भुत लाभ और पूजा विधि

 

सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पावन और शुभ माना जाता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन शिव परिवार के अन्य सदस्यों जैसे मां पार्वती और भगवान श्री गणेश की भी पूजा इस महीने में विशेष रूप से की जाती है। खासतौर पर जब सावन का बुधवार आता है, तब उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि बुधवार को भगवान श्री गणेश की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। ऐसे में यदि इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक “श्री गणेशाष्टकम्” का पाठ किया जाए, तो भक्तों को अद्भुत फल की प्राप्ति होती है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/AQHjMP0_Q70?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/AQHjMP0_Q70/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="श्री गणेशाष्टकम् | Shri Ganesh Ashtakam | पंडित श्रवण कुमार शर्मा द्वारा | Ganeshashtak Hindi Lyrics" width="1250">

क्या है श्री गणेशाष्टकम्?
श्री गणेशाष्टकम् एक स्तोत्र है, जो भगवान गणेश की आठ विशेष विशेषताओं का वर्णन करता है। इसमें भगवान गणेश के रूप, गुण, शक्ति और कृपा का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र न केवल काव्यात्मक रूप से अत्यंत सुंदर है, बल्कि इसमें भक्त की आस्था और प्रभु की महिमा का अद्वितीय संगम भी देखने को मिलता है।इस स्तोत्र का पाठ करने से बुद्धि, स्मरण शक्ति, कार्य सिद्धि और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। विशेषकर विद्यार्थियों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारी वर्ग के लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

क्यों विशेष होता है सावन का बुधवार?
सावन का महीना वैसे ही पुण्य और उपासना के लिए अनुकूल होता है, और जब यह बुधवार के दिन आए, तब यह दिन और भी शुभ माना जाता है। बुधवार का संबंध बुद्धि और वाणी के देवता भगवान गणेश से होता है। इस दिन अगर कोई व्यक्ति श्री गणेशाष्टकम् का पाठ करता है, तो उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है, क्योंकि यह संयोग श्री गणेश की कृपा को कई गुना बढ़ा देता है।शिवपुराण और अन्य ग्रंथों में वर्णन है कि सावन में भगवान शिव अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं और उनका आशीर्वाद श्री गणेश के माध्यम से भी प्राप्त होता है। यही कारण है कि इस माह में शिव पूजन के साथ-साथ गणेश स्तुति का भी अत्यंत महत्व है।

श्री गणेशाष्टकम् पाठ के लाभ
बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि – इस स्तोत्र के नियमित पाठ से स्मरण शक्ति बढ़ती है और निर्णय क्षमता में सुधार होता है।
रोक-टोक से मुक्ति – जीवन में जो भी कार्य बार-बार अटक रहे हों, उनमें सफलता प्राप्त होती है।
वाणी में प्रभाव – छात्रों, वकीलों, शिक्षकों, और वक्ताओं को विशेष लाभ होता है क्योंकि यह स्तोत्र वाणी में मिठास और प्रभाव पैदा करता है।
शत्रुओं पर विजय – नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है और छिपे हुए शत्रु परास्त होते हैं।
व्यापार और नौकरी में सफलता – जो लोग किसी कार्य या व्यवसाय में बार-बार असफल हो रहे हों, उन्हें यह स्तोत्र विशेष सहायता प्रदान करता है।

कैसे करें श्री गणेशाष्टकम् का पाठ?
सावन के बुधवार को प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं। उन्हें दूर्वा, मोदक और पीले फूल अर्पित करें। तत्पश्चात श्री गणेशाष्टकम् का श्रद्धा और विश्वासपूर्वक पाठ करें।

पाठ के समय इन बातों का रखें ध्यान:
पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
पाठ के पहले और बाद में गणेश जी का ध्यान करें।
पाठ समाप्त होने पर आरती अवश्य करें।