शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’
मनुष्य के जीवन का कटु सत्य यह हैं,कि उसे एक ना एक दिन इस संसार को छोकर जाना ही पड़ता हैं, चाहे वह कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें मगर जो आया हैं,उसे इस मोह माया की दुनिया को छोड़कर जाना ही पड़ता हैं। वही प्राचीन काल से ही हम यह देखते और सुनते चले आ रहे हैं। कि जब भी किसी की मृत्यु होती हैं।
आपको बता दें,कि इसके बारे में महाभारत के मुख्य पात्र और पांडवों के सबसे बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठिर ने एक श्लोक के बारे में बताया हैं। जिससे इस पूरे वाक्य का अर्थ समझ आता हैं। तो आइए जानते हैं। कि वो कौन सा श्लोक हैं। अहन्यहनि भूतानि गच्छंति यमममन्दिरम्। शेषा विभूतिमिच्छंति किमाश्चर्य मत: परम्।।
तो आइए जानते हैं,अब इस श्लोक के अर्थ के बारे में— बताया गया हैं,कि जब मृतक को शमशान घाट पर ले जाया जाता हैं। तो राम नाम सत्य हैं। बोलते हैं,मगर जहां घर लौटै तो राम नाम को भूल कर मोह माया में लग जाते हैं। मृतक के घर वाले ही सबसे पहले मृतक के माल को संभालने की चिंता में लगे रहते हैं और माल पर लड़ते—भिड़ते रहते हैं।