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गणेश अष्टक का पाठ क्यों माना जाता है सबसे चमत्कारी? 3 मिनट के इस दुर्लभ वीडियो में जानें इसके लाभ, विधि और शुभ प्रभाव

 

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेशजी की वंदना की जाती है। वे विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और मंगलकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। गणेश उपासना में अनेकों स्तोत्रों और मंत्रों का विशेष महत्व है, लेकिन इनमें से एक स्तोत्र ऐसा भी है जो अत्यंत प्रभावशाली और फलदायक माना गया है — श्री गणेशाष्टकम् (Shri Ganeshashtakam)। यह अष्टक भगवान गणेश की असीम कृपा पाने के लिए सबसे सशक्त स्तोत्रों में से एक है।गणेश अष्टक का पाठ करने से न केवल जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि धन, बुद्धि, यश और स्वास्थ्य की प्राप्ति भी होती है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है और प्रत्येक श्लोक में भगवान गणेश के गुण, स्वरूप और उनके कार्यों का सुंदर वर्णन मिलता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धा से इसका नित्य पाठ करता है, उसे हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/AQHjMP0_Q70?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/AQHjMP0_Q70/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="श्री गणेशाष्टकम् | Shri Ganesh Ashtakam | पंडित श्रवण कुमार शर्मा द्वारा | Ganeshashtak Hindi Lyrics" width="695">
गणेश अष्टक की रचना और महत्ता
श्री गणेशाष्टकम् की रचना प्राचीन समय के किसी विद्वान ऋषि द्वारा की गई थी, जिसकी भाषा अत्यंत सरल लेकिन प्रभावशाली है। इस स्तोत्र के माध्यम से भगवान गणेश के दिव्य स्वरूप, उनके सौंदर्य, शक्ति और ज्ञान का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए वरदान है जो अपने जीवन में बार-बार आने वाली अड़चनों से परेशान हैं।

गणेश अष्टक का पाठ कब और कैसे करें?
गणेश अष्टक का पाठ प्रातःकाल स्नान के बाद शांत मन से करना उत्तम माना गया है। भक्त भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर, पुष्प अर्पित करके इसका पाठ करें। यदि संभव हो तो बुधवार, संकष्टी चतुर्थी या गणेश चतुर्थी के दिन इसका विशेष रूप से पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है।इस पाठ को करते समय ध्यान में यह बात रखनी चाहिए कि भाव शुद्ध हो, मन में पूरी श्रद्धा और आस्था हो। शुद्ध उच्चारण के साथ पाठ करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

गणेश अष्टक पाठ से मिलने वाले लाभ
विघ्नों का नाश: जीवन में आ रही रुकावटें, चाहे वे नौकरी से संबंधित हों या पारिवारिक समस्याएं, इस पाठ से दूर होती हैं।
बुद्धि और विवेक की वृद्धि: यह स्तोत्र छात्र, लेखक, कलाकार और बुद्धिजीवियों के लिए विशेष फलदायक है।
धन-संपत्ति की प्राप्ति: आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए यह पाठ वरदान समान है।
कार्य में सफलता: कोई नया कार्य शुरू करने से पहले इस अष्टक का पाठ करने से कार्य निर्विघ्न पूरा होता है।
मन की शांति: नकारात्मक विचारों और मानसिक तनाव से राहत मिलती है।

कौन कर सकता है पाठ?
श्री गणेश अष्टक का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह किसी भी उम्र या लिंग का हो। यह स्तोत्र अत्यंत सरल है, अतः इसे बच्चे भी याद कर सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं। विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए यह अत्यंत कल्याणकारी है।

श्री गणेशाष्टकम् (संक्षिप्त श्लोक उदाहरण)
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥

एतानि दश नामानि प्रातःकाले यः पठेत्।
विश्वं तस्य भवेत् सर्वं विघ्नं नास्ति कदाचन॥

यह श्लोक श्री गणेश के विभिन्न नामों का स्मरण कराता है और बताता है कि जो व्यक्ति प्रातः इन नामों का पाठ करता है, उसे कोई विघ्न नहीं आता।