×

विद्यार्थियों के लिए क्यों जरूरी है श्री गणेशाष्टकम् का पाठ? इस आध्यात्मिक वीडियो में जानें कैसे बढ़ती है याददाश्त और एकाग्रता 

 

शिक्षा का क्षेत्र हो या कोई प्रतियोगी परीक्षा, विद्यार्थियों के लिए सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने का मार्ग हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। ऐसे में जब कठिन परिश्रम भी मनचाहा फल नहीं दे पाता, तब अध्यात्म और भक्ति की शक्ति सहारा बनती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। कहा जाता है कि कोई भी शुभ कार्य गणपति पूजन के बिना अधूरा माना जाता है। विद्यार्थियों के लिए श्री गणेशाष्टकम् (Shri Ganeshashtakam) का नियमित पाठ अत्यंत फलदायी होता है, जो न केवल उनके मनोबल को बढ़ाता है बल्कि स्मरण शक्ति, एकाग्रता और आत्मविश्वास भी प्रदान करता है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/AQHjMP0_Q70?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/AQHjMP0_Q70/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="श्री गणेशाष्टकम् | Shri Ganesh Ashtakam | पंडित श्रवण कुमार शर्मा द्वारा | Ganeshashtak Hindi Lyrics" width="1250">
क्या है श्री गणेशाष्टकम्?

श्री गणेशाष्टकम् संस्कृत में रचित एक स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश के आठ स्वरूपों का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र आदिशंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। इसकी प्रत्येक पंक्ति भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करती है। इस पाठ में ज्ञान, विवेक, सफलता, और विघ्नों के नाश की प्रार्थना की जाती है। इसलिए इसे विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए अत्यंत शुभ और प्रभावकारी माना जाता है।

विद्यार्थियों के लिए क्यों है विशेष?
गणेश जी को "बुद्धि के देवता" कहा जाता है, जो यह दर्शाता है कि उनकी उपासना करने से बुद्धि, स्मरण शक्ति और विवेक में वृद्धि होती है। श्री गणेशाष्टकम् का नियमित पाठ करने वाले विद्यार्थियों में मानसिक शांति, एकाग्रता और अध्ययन में रुचि बढ़ती है। जो छात्र किसी प्रतियोगी परीक्षा, स्कूल या कॉलेज के इम्तिहान की तैयारी कर रहे हों, उनके लिए यह स्तोत्र अद्भुत मनोवैज्ञानिक लाभ देता है।

श्री गणेशाष्टकम् के पाठ से मिलने वाले लाभ
एकाग्रता में वृद्धि – छात्रों को अक्सर पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। यह पाठ मन को स्थिर करता है और चंचलता को दूर करता है।
स्मरण शक्ति बेहतर होती है – पाठ के उच्चारण से मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है, जिससे याद रखने की क्षमता बढ़ती है।
आत्मविश्वास बढ़ाता है – नियमित पाठ से आत्मबल में वृद्धि होती है जिससे विद्यार्थी चुनौतियों का सामना दृढ़ता से कर पाते हैं।
विघ्नों का नाश होता है – चाहे परीक्षा का डर हो या परिणाम की चिंता, श्री गणेशाष्टकम् इन सभी मानसिक विघ्नों को समाप्त करने में सहायक है।
शुभ फल प्राप्त होते हैं – विशेष अवसरों पर इसका पाठ करने से परीक्षा में अच्छे अंक और प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्रों में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

कब और कैसे करें पाठ?
विद्यार्थियों को श्री गणेशाष्टकम् का पाठ प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। पाठ करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है। दीपक जलाकर, भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र के समक्ष बैठकर श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए। यदि प्रतिदिन संभव न हो, तो बुधवार और चतुर्थी के दिन यह पाठ अवश्य करना चाहिए।

विशेष दिन और अवसर
गणेश चतुर्थी, विद्या आरंभ, परीक्षा के पहले दिन, या किसी नई शिक्षा की शुरुआत पर श्री गणेशाष्टकम् का पाठ विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इससे मानसिक भय समाप्त होता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।