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महिलाएं क्यों रखती हैं जन्माष्टमी का व्रत

 

हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के पर्व को बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता हैं वही कही भगवान श्रीकृष्ण की पालकी सजाई जाती हैं तो कही कान्हा की झांकी निकलती हैं वही कुछ महिलाएं इस​ दिन व्रत भी रखती हैं मगर क्या आपको यह मालूम हैं कि इस दिन व्रत क्यों रखा जाता हैं और इसका क्या महत्व होता हैं अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

जानिए जन्माष्टमी का व्रत क्यों रखती हैं महिलाएं—
इस दिन महिलाएं रात के 12 बजे तक निर्जल व्रत रखती हैं हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता हैं की कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने और विधि विधान से पूजन करने पर नि: संतान लोगो को संतान सुख का प्राप्त होता हैं साथ ही साथ यह व्रत रखने से पुत्र की आयु भी लंबी हो जाती हैं वही कुवांरी लड़कियां भगवान श्रीकृष्ण जैसा पति और जीवन में खुशी की कामना से यह व्रत रखती हैं।

वही इस दिन सुबह स्नान ध्यान करके बाल गोपाल की पूजा अर्चना करें। अगर आपने निर्जल व्रत रखा हैं तो मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद जल और फल ग्रहण करें। फलाहारी व्रत रखने वाले दिन के समय जल और फल ग्रहण कर सकते हैं मगर एक नियम सभी के लिए ऐसी मान्यता हैं कि मध्यरात्रि में कान्हा की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं।

इस दिन महिलाएं रात के 12 बजे तक निर्जल व्रत रखती हैं हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता हैं की कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने और विधि विधान से पूजन करने पर नि: संतान लोगो को संतान सुख का प्राप्त होता हैं साथ ही साथ यह व्रत रखने से पुत्र की आयु भी लंबी हो जाती हैं वही कुवांरी लड़कियां भगवान श्रीकृष्ण जैसा पति और जीवन में खुशी की कामना से यह व्रत रखती हैं। इस दिन सुबह स्नान ध्यान करके बाल गोपाल की पूजा अर्चना करें। अगर आपने निर्जल व्रत रखा हैं तो मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद जल और फल ग्रहण करें। महिलाएं क्यों रखती हैं जन्माष्टमी का व्रत