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खाटू श्याम मंदिर किसने बनवाया और क्यों? 2 मिनट के शानदार वीडियो में जानिए राजस्थान के इस प्रसिद्ध मंदिर की रोचक निर्माण गाथा

 

खाटू श्याम को हारे का सहारा और तीन बाण धारी के नाम से जाना जाता है। देशभर में खाटू श्याम को समर्पित कई मंदिर हैं, जो काफी प्रसिद्ध हैं। इनमें राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम मंदिर भी शामिल है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त अपनी मन्नतें लेकर पहुंचते हैं। मान्यता है कि खाटू श्याम साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और हर व्यक्ति का सहारा बनकर उनके दुखों को दूर करते हैं। खाटू श्याम जी भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं। इसका वर्णन महाभारत युद्ध में मिलता है। वहीं कई मान्यताओं के अनुसार इन्हें भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार भी माना जाता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि इस मंदिर का निर्माण किसने करवाया था।

<a href=https://youtube.com/embed/bT30sShYbPc?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/bT30sShYbPc/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Khatu Shyam Mandir | खाटू श्याम मंदिर का पवित्र इतिहास, दर्शन, कैसे जाएँ, कथा, मान्यता और लक्खी मेला" width="1250">
इस राजा ने करवाया था मंदिर
मान्यता है कि मंदिर का निर्माण खाटू गांव के राजा रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर ने करवाया था धार्मिक मान्यता है कि बर्बरीक जी का सिर खाटू श्याम के तालाब में मिला था। इसी वजह से इस तालाब की भी विशेष मान्यता है। सच्चे मन से खाटू श्याम को गुलाब के फूल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाबा श्याम व्यक्ति की सभी तरह की गलतियों को माफ कर देते हैं। इसके अलावा भक्त खाटू श्याम को इत्र भी चढ़ाते हैं। ऐसा करने से घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों को खाटू श्याम का आशीर्वाद मिलता है।

खाटू श्याम मंदिर आरती का समय
मंगला आरती सुबह 05:30 बजे होती है।
श्रृंगार आरती सुबह 07:30 बजे होती है।
भोग आरती दोपहर 12:30 बजे होती है।
संध्या आरती शाम 07:15 बजे होती है।
शयन आरती रात 09 बजे होती है।