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शुक्रवार के दिन किस देवी की पूजा से घर-परिवार में आती है खुशहाली?वायरल फुटेज में जानें धर्म और ज्योतिष दोनों का रहस्य

 

शुक्रवार का दिन देवी-देवताओं को समर्पित है। हिंदू मान्यता के अनुसार, शुक्रवार को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली माँ संतोषी, घर को धन-धान्य से परिपूर्ण करने वाली माँ लक्ष्मी और संकटों का नाश करने वाली माँ दुर्गा, माँ काली की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।शुक्रवार का व्रत और पूजा अलग-अलग कारणों से की जाती है। आइए जानें कि घर में सुख, धन और समृद्धि पाने के लिए शुक्रवार के दिन क्या करें।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/olTRYEfQffM?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/olTRYEfQffM/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="नवरात्रि व्रत कथा | इस व्रत से दूर होंगे सभी दुख, मिलेगी संतान और निरोगी काया | Navratri Vrat Katha" width="1250">
शुक्रवार के दिन इन तीन देवियों की पूजा करने से चमकता है भाग्य 

माँ लक्ष्मी (लक्ष्मी जी) - धन की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी व्रत रखने की सलाह दी जाती है। यह व्रत घर-परिवार में लक्ष्मी का वास बनाए रखने के लिए भी उपयोगी है। इसे कोई भी, स्त्री या पुरुष, कर सकता है। इसमें एक बार भोजन किया जाता है।पूजा में लक्ष्मी जी को सफेद चंदन, सफेद फूल, खीर अर्पित करें। इस दिन लक्ष्मी श्री यंत्र की स्थापना करके उसकी नियमित पूजा करने से धन और व्यापार में वृद्धि होती है। वैभव लक्ष्मी व्रत 11 या 21 शुक्रवार तक रखें। इसे किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से आरंभ करना चाहिए।उपाय - लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त का पाठ करें, सफेद वस्तुओं का दान करें।

माँ संतोषी - संतोषी माता भक्तों के दुखों और चिंताओं को दूर कर सुख प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। इनकी कृपा पाने के लिए 16 शुक्रवार व्रत (संतोषी माता व्रत) करने का विधान है। पूजा में माँ संतोषी को गुड़ और चने का विशेष भोग लगाया जाता है। इसमें खट्टी चीजों का सेवन वर्जित है। इसे भी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से आरंभ करना चाहिए।उपाय - श्री संतोषी देव्ये नमः का 108 बार जाप करें।

माँ काली की पूजा - संहार की अधिष्ठात्री देवी माँ काली की पूजा शुक्रवार के दिन अचूक मानी जाती है। इनकी पूजा करने से शत्रु नाश, भय, रोग, दोष, जादू-टोना आदि से मुक्ति मिलती है। माँ काली की पूजा सामान्य रूप से करनी चाहिए। इसके लिए लाल वस्त्र धारण करें, देवी के समक्ष दीपक और गुग्गल की धूप जलाएँ। पेड़ा और लौंग चढ़ाएँ और "ॐ क्रीं कालिकाय नमः" का 13 बार जाप करें।उपाय - आटे का दोमुखी दीपक जलाएँ और काली चालीसा का पाठ करें।