कब है सावन महीने का पहला सोमवार, किस शुभ मुहूर्त में करें शिव पूजा और व्रत ? 3 मिनट के शानदार वीडियो में जानें संपूर्ण जानकारी
हिंदू धर्म में सावन का महीना विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। हर साल भक्त इस पवित्र महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस समय भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर सावन सोमवार का महत्व और भी ज्यादा होता है। ऐसे में आइए जानते हैं 2025 में सावन कब से शुरू होगा, पहला सोमवार कब पड़ेगा और पहले सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त जानें...
सावन 2025 कब से शुरू हो रहा है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना साल 2025 में 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा। यह शिव भक्ति में डूबने का समय होता है और भक्त हर दिन पूजा, व्रत और जलाभिषेक करते हैं। इस महीने की खास बात यह है कि इसमें आने वाले सोमवार को 'सावन सोमवार' कहा जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है।
सावन का पहला सोमवार कब है?
वर्ष 2025 में सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन भक्त व्रत रखते हैं तथा शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाते हैं।
सावन सोमवार 2025 तिथियां
पहला सावन सोमवार - 14 जुलाई 2025
दूसरा सावन सोमवार - 21 जुलाई 2025
तीसरा सावन सोमवार - 28 जुलाई 2025
चौथा सावन सोमवार - 4 अगस्त 2025
पहले सोमवार का शिव पूजन मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:11 से 04:52 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:55 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 से 03:40 बजे तक
पहला सावन सोमवार 2025 जलाभिषेक समय
सावन के पहले सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त के साथ-साथ सुबह सूर्योदय के बाद यानी सुबह 5:33 बजे से दोपहर से पहले भगवान शिव को जल चढ़ाना बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है।
सावन में शिव पूजा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव और देवी पार्वती की मुलाकात हुई थी। देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए वर्षों तक तपस्या की थी। आखिरकार सावन के इसी पवित्र महीने में भगवान शिव ने उन्हें स्वीकार किया था। यही वजह है कि यह महीना विवाहित और अविवाहित दोनों ही लोगों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सावन में भगवान शिव की भक्ति भाव से पूजा करता है, उसके जीवन से दरिद्रता और दुख दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही उसे सुखी वैवाहिक जीवन और संतान सुख का भी आशीर्वाद मिलता है।