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सिंह संक्रांति 2020: सूर्य संक्रांति में क्यों खाया जाता है घी, जानिए कारण

 

हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि को खास महत्व दिया जाता हैं वही भाद्रपद यानी भादों माह में जब सूर्यदेव अपनी राशि परिवर्तन करते हैं तो उस संक्रांति को सिंह संक्रांति कहा जाता हैं दक्षिणी भारत में इस संक्रांति को सिंह संक्रमण भी कहते हैं सिंह संक्रांति के दिन भगवान विष्णु, सूर्य देवता और भगवान नरसिंह की पूजा होती हैं हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक इस दिन घी का सेवन बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं सिंह संक्रांति के दिन लोग विधिवत पूजा आराधना करते हैं। वही इस वर्ष सूर्य संक्रांति 16 अगस्त दिन रविवार को पड़ रही हैं ज्योतिष के मुताबिक जब राहु कर्क में और केतु मकर राशि में गोचर करता हैं तो उस दिन सूर्य संक्रांति कहा जाता हैं इस दिन सूर्यदेव भी अपनी राशि परिवर्तित करते हैं सूर्य देव कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। इसी को ही संक्रांति कहा जाता हैं, तो जानिए मुहूर्त।

जानिए शुभ मुहूर्त—
पुण्य काल— दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक।
सिंह संक्रांति का महापुण्य काल— शाम 4 बजकर 49 मिनट से शाम 7 बजे तक।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक सूर्य संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से ऊर्जा, तेज और यादाश्त और बुद्धि बढ़ जाती हैं कथाओं के मुताबिक सूर्य संक्रांति के दिन घी का सेवन न करने वाले अगले जन्म में घोंघे के रूप में जन्म लेते हैं यही वजह हैं कि इस दिन घी का सेवन लाभकारी बताया गया हैं इसके अलावा कहा जाता हैं कि घी का सेवन करने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी बचा जा सकता हैं।