×

यमराज को एक श्राप के कारण मृत्युलोक में लेना पड़ा जन्म

 

महाभारत की कहानी के बारे में कौन नहीं जानता हैं हर किसी को इसकी कहानी पता हैं मगर महाभारत में कई ऐसी कहानियां मिलती हैं जिन्हें जानकर जीवन के बारे में भी बहुत कुछ जाना और समझा जा सकता हैं महाभारत काल में एक ऐसी कहानी मिलती हैं विदुर की, जिन्हें एक श्राप के कारण यमराज से मृत्युलोक पर आकर विदुर बनना पड़ा था। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाभारत की पौराणिक कहानी, तो आइए जानते हैं।

महाभारत में एक प्रसंग आता हैं कि प्रसिद्ध ऋषि मंदव्य को राजा ने चोरी के आरोप में सूली पर चढ़ा दिया मगर कई दिनों तक सूली पर लटकने के बाद भी ऋषि मंदव्य की मौत नहीं हुई। इस पर राजा अचम्भित हुए और उसने अपने निर्णय पर पुर्नविचार किया। तब राजा को यह महसूस हो गया कि भूलवश उसने गलत व्यक्ति को आरोपी ठहराकर सजा दी। राजा को अपने मूर्खतापूर्ण निर्णय पर बहुत ही ग्लानि हुई मगर अपनी गलती का अहसास होते ही राजा शीघ्र ऋषि के समक्ष पहुंचा और उनसे क्षमा याचना की। इसके पश्चात ऋषि को देहावसान हो गया। अपनी मृत्यु के बाद जब मंदव्य ऋषि यमपुरी पहुंचे तो उन्होंने यमराज से पूछा, उन्हें किस पाप की सजा दी गई थी। जो उन्हें चोरी के आरोप में सूली पर लटकना पड़ा।

यमराज ने मंदव्य ऋषि को बताया कि बारह साल की अवस्था में उन्होंने पतंगे की पूंछ में एक सूई चुभा दी थी। इसलिए उन्हें ऐसी सजा मिली। यमराज से यह सुन ऋषि क्रोधित हो उठे और यमराज को श्राप देते हुए कहा कि 12 वर्ष का बच्चा इतना समझदार नहीं होता और अगर यह सिर्फ बचपन की एक भूल थी। तो उसकी इतनी बड़ी सजा अन्याय हैं जा तू एक अछूत व्यक्ति के घर जन्म लेगा। मंदव्य ऋषि के इस श्राप के परिणामस्वरूप यमराज ने विदुर के रूप में धरती पर जन्म लिया था।

महाभारत में कई ऐसी कहानियां मिलती हैं जिन्हें जानकर जीवन के बारे में भी बहुत कुछ जाना और समझा जा सकता हैं महाभारत काल में एक ऐसी कहानी मिलती हैं विदुर की, जिन्हें एक श्राप के कारण यमराज से मृत्युलोक पर आकर विदुर बनना पड़ा था। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाभारत की पौराणिक कहानी। यमराज को एक श्राप के कारण मृत्युलोक में लेना पड़ा जन्म