भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने के लिए सावन में ज़रूर जाएं इन 5 प्राचीन मंदिरों में, कहते हैं यहां मांगी हर मुराद होती है पूरी
सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और हर कोई भोले की भक्ति में डूबा हुआ नज़र आ रहा है। सावन के महीने में शिव मंदिरों में काफी भीड़ रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने में की गई पूजा, पाठ और भगवान के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भोलेनाथ के दर्शन से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि शिवालयों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। देश में कई ऐसे प्राचीन और चमत्कारी मंदिर हैं, जहाँ इस समय भारी भीड़ देखने को मिलती है। देश-विदेश से भी लोग यहाँ पहुँचते हैं। आइए आज हम आपको ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताते हैं।
केदारनाथ
केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों और चार धामों में से एक है। अप्रैल महीने से यहाँ भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खुल जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर के दर्शन करता है, उसके सभी दुखों का नाश हो जाता है। यहाँ लगाई गई हर भक्त की अर्जी पूरी होती है।
नीलकंठ महादेव
ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर मौजूद है, जो शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है। समुद्र मंथन के दौरान जब भोलेनाथ ने विषपान किया था, तब उनका कंठ नीला पड़ गया था। इसी कारण उनका नाम नीलकंठ पड़ा। इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
महाकाल मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर महाकालेश्वर मंदिर मौजूद है। सावन के महीने में यहाँ भक्तों की भारी भीड़ रहती है। महाकाल को कालों का काल कहा जाता है, वे अपने भक्तों के हर संकट का निवारण करते हैं। सावन के महीने में शहर में महाकाल की बारात भी निकलती है।
काशी विश्वनाथ
दस ज्योतिर्लिंगों में से एक, काशी विश्वनाथ धाम उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद है। काशी को वैसे भी भोलेनाथ की प्रिय नगरी कहा जाता है। यह सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है जिसकी वास्तुकला अद्भुत है। यहाँ केवल सावन में ही नहीं, बल्कि साल भर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
रामेश्वरम
रामेश्वरम दक्षिण भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन अत्यंत शुभ माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ दर्शन करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही, यह रोग-मुक्ति भी प्रदान करता है।