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26 अगस्त को मनाई जाएंगी अजा एकादशी

 

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारी एकादशी का पर्व मनाया जाता हैं मगर जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु के मानव कल्याण के लिए अपने शरीर से पुरुषोत्तम मास की एकादशियों सहित कुल छब्बीस एकादशियों को प्रकट किया। वही सभी एकादशियों में नारायण के समान ही फल देने का सामथ हैं

ये अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण कर विष्णुलोक में पहुंचाती हैं वही भाद्रपद माह की कृष्णपक्ष एकादशी का नाम अजा एकादशी हैं वही धर्मराज युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्री कृष्ण बताते हैं कि अजा एकादशी सब पापों का नाश करने वाली एकादशी हैं।

वही जो भगवान ऋषिकेश का पूजन करके इसका व्रत करता हैं वह इस लोक में सुख को प्राप्त करता हैं वही अंत में विष्णु लोक में जाता हैं इस व्रत का फल अश्वमेघ यज्ञ, ​कठिन तपस्या, तीर्थों में दान स्नान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक होता हैं वही इस एकादशी का व्रत मन को निर्मल बनाता हैं। वही हिंदू धर्म पुराणों के मुताबिक दशमी तिथि को सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत होकर भगवान श्री हरि​ विष्णु का मां लक्ष्मी के साथ गोपी चन्दन, चावल, पीले पुष्प,ऋतु फल, तिल और मंजरी सहित तुलसी दल से पूजन करें। वही दिन भर निराहार रहते हुए शाम को फलाहार कर सकते हैं वही एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान श्री हरि​ विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं। अगर आप किसी कारण से व्रत नहीं कर सकते हैं तो इस दिन मन में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सात्विक रहें।

जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु के मानव कल्याण के लिए अपने शरीर से पुरुषोत्तम मास की एकादशियों सहित कुल छब्बीस एकादशियों को प्रकट किया। वही सभी एकादशियों में नारायण के समान ही फल देने का सामथ हैं ये अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण कर विष्णुलोक में पहुंचाती हैं वही भाद्रपद माह की कृष्णपक्ष एकादशी का नाम अजा एकादशी हैं वही धर्मराज युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्री कृष्ण बताते हैं कि अजा एकादशी सब पापों का नाश करने वाली एकादशी हैं। 26 अगस्त को मनाई जाएंगी अजा एकादशी