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3000 फीट की ऊंचाई पर गणपति बप्पा का ये चमत्कारी धाम जहाँ मिलते है गणेश-परशुराम युद्ध के प्रमाण, वीडियो में इतिहास जानकर रह जाएंगे दंग 

 

भारत में वैसे तो भगवान गणेश के कई मंदिर हैं, लेकिन एक अनोखा और रहस्यमयी मंदिर भी है जो घने जंगलों के बीच एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर का नाम ढोलकल गणेश मंदिर है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित ढोलकल पहाड़ी पर बना है, जो रायपुर से लगभग 350 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर समुद्र तल से 3000 फीट की ऊँचाई पर है। ढोलकल गणेश मंदिर दंतेवाड़ा की घनी पहाड़ियों के बीच ऊँचाई पर स्थित है, जहाँ पहुँचना किसी रोमांचक यात्रा से कम नहीं है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/w-rFaeiFsEU?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/w-rFaeiFsEU/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="Moti Dungri Ganesh Temple Jaipur | मोती डूंगरी मंदिर का इतिहास, कथा, मान्यता, चमत्कार और लाइव दर्शन" width="1250">
गणेश जी की मूर्ति

11वीं शताब्दी में स्थापित, यह ढाई से तीन फीट ऊँची मूर्ति ढोलक के आकार में बनी है, जिसकी स्थानीय लोग गहरी आस्था के साथ पूजा करते हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इसी पहाड़ी पर भगवान गणेश और परशुराम के बीच युद्ध हुआ था, जिसके कारण नीचे बसे गाँव का नाम फरसापाल पड़ा।ढोलकल की चोटी पर पहुँचकर, चारों ओर फैले जंगलों और पहाड़ियों का नज़ारा इतना मनमोहक होता है कि यह सफ़र जीवन भर के लिए यादगार बन जाता है।

पहुँच मार्ग
अगर आप इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो दंतेवाड़ा ज़िला मुख्यालय से सिर्फ़ आधे घंटे में फरसापाल गाँव पहुँच सकते हैं। यह रास्ता घने जंगलों और पहाड़ियों से होकर गुज़रता है, इसलिए खाने-पीने की कुछ चीज़ें साथ रखें क्योंकि चोटी पर पहुँचने के बाद आपको थोड़ी भूख लग सकती है।