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गोविंद देव मंदिर परिसर में हैं ऐसे 5 अद्भुत मंदिर! जहां भक्तों की हर मुराद होती है पूरी, इस आध्यात्मिक फुटेज में जानें प्रत्येक की खासियत

 

जयपुर, जिसे ‘गुलाबी नगरी’ कहा जाता है, सिर्फ अपने महलों और किलों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यहां के मंदिर भी भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। विशेष रूप से, जयपुर का गोविंद देव जी मंदिर न केवल राधा-कृष्ण की भक्ति का बड़ा केंद्र है, बल्कि यह मंदिर परिसर अपने भीतर कुछ और भी चमत्कारी मंदिरों को समेटे हुए है। इन मंदिरों से जुड़ी ऐसी-ऐसी मान्यताएं और कथाएं हैं, जो भक्तों के हृदय में आस्था की लौ और भी प्रज्वलित कर देती हैं। आज हम आपको बताएंगे गोविंद देव जी मंदिर परिसर के उन 5 चमत्कारी मंदिरों के बारे में, जो हर श्रद्धालु को अवश्य देखने चाहिए।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/qio3LEGIzfI?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/qio3LEGIzfI/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="Govind Dev Ji Temple | गोविन्द देव जी मंदिर जयपुर का इतिहास, वास्तुकला, मान्यता, दर्शन, पौराणिक कथा" width="695">

1. राधा माधव मंदिर: प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक

गोविंद देव जी मंदिर के बगल में स्थित राधा माधव मंदिर को प्रेम और भक्ति का जीवंत उदाहरण माना जाता है। इस मंदिर में राधा रानी और भगवान माधव (श्रीकृष्ण) की भव्य प्रतिमाएं हैं। मान्यता है कि यहां पूजा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और प्रेम संबंधों में मजबूती मिलती है। विशेष रूप से श्रावण मास और रासलीला उत्सव के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

2. श्री नृसिंह मंदिर: संकटों का नाशक

इस परिसर में स्थित श्री नृसिंह मंदिर को संकटों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है। यहां भगवान विष्णु के उग्र अवतार ‘नृसिंह’ की प्रतिमा स्थित है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति जीवन में किसी भय, शत्रु बाधा, या नकारात्मक ऊर्जा से परेशान है, उसे इस मंदिर में आकर प्रार्थना करनी चाहिए। मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजा होती है, जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।

3. बाल गोपाल मंदिर: संतान सुख का वरदान

परिसर में एक और चमत्कारी स्थान है — बाल गोपाल मंदिर, जहां भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती है। निःसंतान दंपति यहां आकर विशेष पूजा कर संतान सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं। यह मंदिर बहुत शांत और दिव्य ऊर्जा से भरपूर स्थान है, जहां बैठकर मन को अत्यधिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है।

4. हनुमान मंदिर: हर संकट का समाधान

गोविंद देव परिसर में स्थित हनुमान मंदिर को यहां आने वाले भक्त कभी नहीं छोड़ते। यह मंदिर छोटा अवश्य है लेकिन श्रद्धा से भरपूर है। मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार को यहां पूजा करने से शनि दोष, भूत-प्रेत बाधा, और कार्य में रुकावटें दूर हो जाती हैं। यहां स्थित हनुमान जी की प्रतिमा अत्यंत जाग्रत मानी जाती है और कई भक्तों ने यहां मन्नतें पूरी होने की गवाही दी है।

5. श्री यमुनाजी मंदिर: आध्यात्मिक शुद्धि का केंद्र

गोविंद देव जी के बाईं ओर स्थित श्री यमुनाजी मंदिर भी बेहद पवित्र और चमत्कारी माना जाता है। श्री यमुना देवी को कृष्ण की बहन माना जाता है और वैष्णव संप्रदाय में उनका विशेष स्थान है। यह मंदिर विशेष रूप से पूर्णिमा और अमावस्या के दिन अत्यधिक भीड़ आकर्षित करता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दर्शन करने मात्र से ही आत्मिक शुद्धि होती है और जीवन में शांति आती है।