सावन में शिव और हनुमान की संयुक्त पूजा का चमत्कारी प्रभाव, वीडियो में जानें किन ग्रह दोषों से मिलती है मुक्ति और कैसे बदलता है भाग्य
सावन के महीने में शिव जी के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। खासकर तब जब आप राहु, केतु और शनि दोष के प्रभाव से परेशान हों। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे महीने भक्त उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से की गई पूजा से महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
शिव जी के साथ सावन में हनुमान जी की पूजा
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सावन के महीने में शिव जी के साथ-साथ महाबली हनुमान जी की भी पूजा की जाती है, जो अत्यंत फलदायी होती है।
सावन में हनुमान जी की पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी शिव के रुद्र अवतार हैं। ऐसे में सावन के महीने में हर मंगलवार को उनकी पूजा करके आप विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। सावन के महीने में हनुमान जी की पूजा करने से संकटमोचन और महादेव दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
सावन में हनुमान जी की पूजा क्यों ज़रूरी है?
हनुमान जी को संकटमोचक भी कहा जाता है और अगर आप मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, तो आपको सावन के महीने में हनुमान जी की पूजा ज़रूर करनी चाहिए। मान्यता है कि सावन के महीने में नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ और पूजा करने से साधक को संकट से मुक्ति मिलती है।
एकाग्रता
महादेव जहाँ ध्यान और योग के प्रतीक हैं, वहीं हनुमान जी भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। ऐसे में दोनों की पूजा करने से साधक को मानसिक शांति मिलती है और एकाग्रता बढ़ती है।
दोषों से मुक्ति
जो लोग राहु, केतु और शनि जैसे ग्रहों के प्रभाव से परेशान हैं, उन्हें सावन के महीने में हनुमान जी की पूजा ज़रूर करनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में हनुमान जी की नियमित पूजा करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
शत्रु से मुक्ति
अगर कोई अपने शत्रु से परेशान है, तो उसे सावन के महीने में हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और मंगलवार के दिन उन्हें चोला चढ़ाना चाहिए। साथ ही, हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाकर रखें और गुलाब के फूलों की माला और इत्र चढ़ाएँ। इससे शत्रु बाधा से मुक्ति मिल सकती है।
धन हानि से मुक्ति
यदि धन संबंधी कोई समस्या है, तो सावन माह में बरगद के पत्ते पर श्री राम लिखकर और राम स्तोत्र का पाठ करने से इससे मुक्ति मिल सकती है।
कैसे करें पूजन
यदि आप सावन में रुद्राभिषेक करवा रहे हैं, तो इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। वहीं, यदि शिव मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति हो, तो दोनों के सामने बैठकर संयुक्त पूजन करने से विशेष लाभ मिल सकता है।