सावन का अंतिम सोमवार बेहद खास! दुर्लभ योग में करें भोलेनाथ का अभिषेक, जीवन से दूर होंगी सभी बाधाएं
देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन माह का आखिरी सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन ब्रह्मा, इंद्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इन दुर्लभ योगों में महादेव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन सूर्योदय सुबह 5:44 बजे और सूर्यास्त शाम 7:10 बजे होगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन सूर्योदय सुबह 5:44 बजे और सूर्यास्त शाम 7:10 बजे होगा। यह संयोग भक्तों के लिए महादेव की कृपा पाने के लिए भी विशेष है।
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:20 बजे से 5:02 बजे तक
पंचांग के अनुसार, 4 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:20 बजे से 5:02 बजे तक रहेगा, जो जलाभिषेक के लिए सर्वोत्तम समय है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 2:42 से 3:36 बजे तक और अमृत काल शाम 5:47 से 7:34 बजे तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:44 से रात 9:12 बजे तक रहेगा, जो कार्य सिद्धि और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है। इंद्र योग सुबह 7:06 से 7:25 बजे तक रहेगा, जो आत्मविश्वास और सफलता का प्रतीक है। चंद्रमा वृश्चिक राशि में अनुराधा और चित्रा नक्षत्र में गोचर करेगा, जिससे पूजा और भी फलदायी होगी।
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और सफेद वस्त्र पहनें
सावन के आखिरी सोमवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और सफेद वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और शिवलिंग स्थापित करें। शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, चीनी) और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद भोलेनाथ को इत्र लगाएं। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत, काले तिल, जौ, गेहूँ, मिश्री या गुड़, अबीर-पुक्का और फिर फल व मिठाई अर्पित करें।
रुद्राभिषेक विशेष फलदायी
रुद्राभिषेक विशेष फलदायी होता है। 108 या अधिक बेलपत्रों पर भगवान रामचंद्र का नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं। पूजा के बाद शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र, शिवपंचाक्षर मंत्र, द्वादश ज्योतिर्लिंगनी स्त्रोत का पाठ करना भी विशेष फलदायी होता है। इसके बाद आरती करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा और व्रत करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, ग्रह दोष शांत होते हैं और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। विवाह, करियर और सुख-समृद्धि की कामना के लिए यह दिन विशेष रूप से प्रभावशाली है।