×

महामृत्युंजय मंत्र जप में बरतें ये 11 सावधानियां, नहीं तो फल की जगह मिल सकती है बाधा और अशांति

 

देवादिदेव महादेव सरल, मुक्तिदाता और वरदान देने वाले देवता माने जाते हैं। इनकी पूजा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भोलेनाथ के वैदिक मंत्रों का जाप करने से सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसमें भी महामृत्युंजय मंत्र विशेष है, आइए जयपुर के ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास से जानते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

<a href=https://youtube.com/embed/1tQpA0wYIYM?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/1tQpA0wYIYM/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="महामृत्युंजय मंत्र | 108 बार सुपरफास्ट महामृत्युंजय मंत्र | Maha Mrityunjaya Mantra |" width="695">

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब करें 
1. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यदि कुंडली में कोई ग्रह दोष हो या ग्रहों से संबंधित कोई ऐसी पीड़ा हो जिसका ठीक होना मुश्किल लग रहा हो जैसे ग्रहों का गोचर, ग्रहों का नीच राशि में होना, शत्रु राशि में होना या किसी पापी ग्रह से पीड़ित होना तो इस मंत्र का जाप लाभकारी होता है।
2. गंभीर बीमारी और मृत्यु तुल्य पीड़ा होने पर महामृत्युंजय मंत्र संजीवनी बूटी की तरह काम करता है।
3. भूमि संबंधी विवादों में इस मंत्र का जाप लाभकारी होता है। किसी महामारी के फैलने की स्थिति में यह मंत्र कवच की तरह काम करता है।
4. सरकारी मामले बिगड़ने और धन हानि होने पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से समस्या दूर होती है।
5. विवाह में नाड़ी दोष और षडाष्टक के कारण होने वाली परेशानियों से भी यह मंत्र मुक्ति दिलाता है। जब मन धार्मिक कार्यों में न लग रहा हो तब महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
6. किसी भी तरह के विवाद में महामृत्युंजय मंत्र रामबाण की तरह है।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय बरतें ये 11 सावधानियां 
पैगंबर के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय विशेष सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। इन नियमों का पालन करके आप महामृत्युंजय मंत्र जाप का पूरा लाभ उठा सकते हैं और किसी भी तरह के अनिष्ट का भय भी खत्म हो जाता है।

1. महामृत्युंजय मंत्र का जाप पूरी पवित्रता और निष्ठा से करना चाहिए।
2. मंत्र जाप से पहले संकल्प लेना चाहिए। मंत्र जाप में मंत्रों के उच्चारण की शुद्धता बहुत जरूरी है।
3. मंत्र जाप से पहले मंत्रों की एक निश्चित संख्या निर्धारित कर लेनी चाहिए। जितने मंत्र जाप का संकल्प लिया है, उतने मंत्र पूरे करने चाहिए।
4. मंत्रों का मानसिक जाप करना सबसे अच्छा रहेगा यानी मन में या बहुत धीमी आवाज में। जाप के दौरान दीपक जलता रहना चाहिए।
5. महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना सबसे अच्छा रहेगा। 6. माला को गौमुखी बनाकर जाप करना चाहिए, ताकि किसी की नजर उस पर न पड़े।
6. जाप के समय शिवलिंग, शिव मूर्ति, भगवान शिव का चित्र या महामृत्युंजय यंत्र सामने होना चाहिए।
7. जाप करते समय कुश के आसन पर बैठना चाहिए। 
8. जप के दौरान शिव का अभिषेक दूध मिले जल से करना चाहिए। 
9. जप करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए। जप का स्थान और समय निश्चित होना चाहिए। 
10. जप के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। 
11. सात्विक भोजन करना चाहिए। किसी की बुराई करने से बचना चाहिए।