नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना व पूजा का पर्व माना जाता हैं नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर भक्त अपने घरों और मंदिरों में कन्या पूजन करते हैं नवरात्रि के बाद कन्या पूजन का खास महत्व होता हैं अष्टमी और नवमी तिथियों पर महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा का प्रावधान होता हैं इन तिथियो पर कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराया जाता हैं उन्हें दान दिया जाता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं नवरात्रि में कन्या पूजन का क्या महत्व होता हैं और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तो आइए जानते हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने से देवी मां प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करती हैं शास्त्रों के मुताबिक कन्या पूजन करने से सुख शांति और मोक्ष मिलता हैं कन्या पूजन से पहले हवन करवाया जाता हैं हवन और कन्या पूजन करने से देवी मां की कृपा भक्तों पर होती हैं नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन करवाना जाता हैं क्योंकि नौ कन्याओं को देवी मां दुर्गा के नौ रूप के प्रतीक माना जाता हैं कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन करवाना जरूरी होता हैं क्योंकि उन्हें बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता हैं माता के साथ भैरव की पूजा जरूरी मानी जाती हैं दो साल से लेकर दस साल की उम्र तक की कन्याओं का कंजक पूजा करना अच्छा माना जाता हैं। इस दिन कन्याओं को घर बुलाकर उनका आदर सम्मान के साथ पूजन किया जाता हैं।