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वीडियो में देखे सोमवार के ये ख़ास उपाय, जीवन में धन की कमी से लेकर विवाह और कर्ज तक महादेव दूर करेंगे सभी समस्याएं 

 

हिंदू धर्म में हर तिथि या दिन किसी न किसी देवी या देवता को समर्पित होता है। जैसे सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित माना जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही व्रत आदि भी रखे जाते हैं। कहा जाता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिष शास्त्र में भी भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से लोगों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/LGzqgQk5ie0?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/LGzqgQk5ie0/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="पवित्र शिवरात्रि व्रत कथा | सुपरफास्ट शिवरात्रि व्रत कथा | Shivratri Vrat Katha" width="695">
सोमवार के उपाय
कहते हैं कि भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं, वे एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इस कारण सोमवार के दिन पूजा के दौरान भगवान शिव का गंगा जल से अभिषेक करें।
अगर आपका जीवन दुख और परेशानियों से घिरा हुआ है तो सोमवार के दिन शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। साथ ही जीवन में खुशियां लौट आएंगी।
अगर आप मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं तो सोमवार के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। इस समय भगवान शिव को सफेद चंदन, बेलपत्र, काले तिल, धतूरा, भांग और सफेद फूल जरूर चढ़ाएं। इससे भगवान आपकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

अगर आप शारीरिक या मानसिक परेशानियों से ग्रसित हैं तो सोमवार के दिन गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही महामृत्युंजय का पाठ भी करें।
अगर धन संबंधी परेशानियां हैं तो सोमवार के दिन भगवान शिव को गन्ने का रस चढ़ाएं। इससे आर्थिक संकट दूर होगा और सुख-सौभाग्य वापस लौटेगा।
अगर आप समाज में अपना मान-सम्मान बढ़ाना चाहते हैं तो सोमवार के दिन एक मुट्ठी चावल और थोड़ी मिश्री कपड़े में बांधकर मंदिर में दान कर दें।
अगर व्यापार में लाभ या तरक्की नहीं हो रही है तो आपको अपना काम शुरू करने से पहले 2 सफेद फूल रखने चाहिए और फिर काम पूरा होने के बाद उन्हें नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।