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Sawan 2025 Special: सिर्फ कशी-केदार नहीं विदेशों में भी आशीर्वाद बांट रहे भगवान शिव, जाने किन-किन देशों में है ये दिव्य स्थल ?

 

सावन का महीना शुरू होते ही हर तरफ भोलेनाथ की भक्ति की धूम मच जाती है। मंदिरों में घंटियों की गूंज, शिवालयों में गूंजता 'हर-हर महादेव' और भक्तों के जत्थे कांवड़ लेकर अपने आराध्य को जल चढ़ाने निकल पड़ते हैं। इस महीने का महत्व केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में भगवान शिव की महिमा का गुणगान उतनी ही श्रद्धा से किया जाता है। चाहे वह नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर हो या इंडोनेशिया, मॉरीशस, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देशों में स्थित शिव मंदिर। सावन के दौरान इन जगहों पर भी भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। कहते हैं कि शिव भोले हैं, वे आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। शायद यही वजह है कि कोई भी देश, कोई भी सीमा उनकी भक्ति को सीमित नहीं कर पाई है।

भारत में शिव भक्ति का अद्भुत उत्सव
अगर भारत की बात करें, तो यहाँ हर शहर, हर गाँव में आपको भगवान शिव का एक मंदिर मिल जाएगा। काशी विश्वनाथ से लेकर केदारनाथ और सोमनाथ तक, शिव के ये प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग सावन के दौरान लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लोग कई किलोमीटर पैदल चलकर जल चढ़ाते हैं, व्रत रखते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। सावन में शिव भक्तों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि कई जगहों पर तो मेले जैसा माहौल बन जाता है।

नेपाल में पशुपतिनाथ भक्ति से सराबोर

नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर एशिया के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। सावन के महीने में न केवल नेपाल, बल्कि भारत और अन्य देशों से भी हज़ारों भक्त यहाँ शिव के दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ के धार्मिक वातावरण में एक अलग ही दिव्यता का अनुभव होता है।

मॉरीशस, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी शिव की गूंज

मॉरीशस का ग्रैंड बेसिन यानी गंगा तालाब शिव भक्तों के लिए किसी तीर्थस्थल से कम नहीं है। सावन में भारतीय मूल के लोग यहाँ काँवर लेकर आते हैं और भोलेनाथ पर जल चढ़ाते हैं। श्रीलंका के त्रिंकोमाली का कोणेश्वरम मंदिर और बांग्लादेश का ढाकेश्वरी मंदिर भी सावन में विशेष पूजा का केंद्र बनते हैं।

इंडोनेशिया और बाली में शिव की भव्य पूजा

इंडोनेशिया के प्रम्बानन मंदिर में और बाली में सांग हयांग शिव के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है। सावन में वहाँ भी लोग पूरी श्रद्धा से शिव की पूजा करते हैं। इससे पता चलता है कि शिव की भक्ति वास्तव में सर्वव्यापी है।

सावन में शिव भक्ति की कोई सीमा नहीं है

सच कहूँ तो, भगवान शिव केवल भारत के ही देवता नहीं हैं। वे पूरे विश्व के देवता हैं। सावन उनके भक्तों के लिए खुशियों का महीना होता है, जब हर कोई उनके चरणों में शीश झुकाकर आशीर्वाद मांगता है। इस सावन में अगर आपको मौका मिले, तो भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी उनके भव्य मंदिरों में जाकर भोलेनाथ की भक्ति का अनुभव ज़रूर करें। यही उनकी सबसे बड़ी लीला है जो दिलों को जोड़ती है।