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Sarv Pitru Amavasya 2020: 17 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या, इस दिन की जाती है पितरों की विदाई

 

पितृपक्ष चल रहा हैं इन दिनों लोग अपने पितरों और पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं वही इसके आखिरी दिन यानी आश्विन मास की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं इस दिन से श्राद्ध समाप्त हो जाता हैं एक ओर से इस दिन पितरों को विदा कर दिया जाता हैं इस साल सर्व पितृ अमावस्या 17 सितंबर को पड़ रही हैं। तो आज हम आपको सर्व पितृ अमावस्या से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि 16 सितंबर को शाम 7 बजे से अमावस्या लग रही हैं और 17 सितंबर को शाम चार बजे तक रहेगी। इसलिए 17 सितंबर को ही सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन उन पितरों को श्राद्ध किय जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि याद नहीं होती हैं एक तरह से सभी भूले बिसरों को इस दिन याद कर उनका तर्पण किया जाता हैं ब्रह्म पुराण के मुताबिक जो वस्तु उचित काल या स्थान पर पितरों के नाम पर उचित विधि से दिया जाता हैं वह श्राद्ध कहलाता हैं।

सर्व पितृ अमावस्या के दिन भोजन बनाकर कौवे, गाय और कुत्ते के लिए निकाला जाता हैं ऐसा कहा गया हैं कि पितर देव ब्राह्मण और पशु पक्षियों के रूप में अपने परिवार वालों को दिया गया तर्पण स्वीकार कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं इस दिन अपने पूर्वजों के निमित्त के योग्य विद्वान ब्राह्मण को आमंत्रित कर भोजन कराया जाता हैं इसके अलावा गरीबों को भी अन्न का दान दिया जाता हैं पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म 11: 36 बजे से 12: 24 बजे में ही करना चाहिए।