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आज माताएं रखेंगी सकट चौथ का व्रत

 

आपको बता दें कि सकट चौथ का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता हैं पुत्रवती माताएं पुत्र और पति की सुख समृद्धि के लिए सकट व्रत माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी सोमवार यानी की आज रख रही हैं इसे तिलकुटा चौथ भी कहा जाता हैं वही हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक इसी तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे भगवान गणेश का जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता हैं और श्री गणेश के प्रतिरूप चन्द्रदेव को इस व्रत में अर्घ्य देकर पूजा जाता हैं। वही ज्योतिष अनुसार सकट चौथ का व्रत संतान की दीर्घ आयु के लिए रखा जाता हैं इस दिन संकट हरण गणपति श्री गणेश का पूजन भी किया जाता हैं। जानिए चंद्रदर्शन का समय—
चंद्रोदय रात 8:33 पर होगा,सकट की तिथि 13 जनवरी को शाम 5:32 से शुरू होकर 14 जनवरी की दोपहर 2:49 तक हैं।

वही पूजा में दूर्वा, शर्मी पत्र, गुड़ और तिल के लडडू चढ़ाए जाते हैं यह व्रत संतान के जीवन में विध्न बाधाओं को दूर करता हैं संकटों और दुखों को दूर करने वाला और रिद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला यह व्रत होता हैं इस दिन सभी माताएं निर्जल व्रत रखकर शाम को फलाहार लेती हैं और दूसरे दिन सुबह सकट माता पर चढ़ाए गए पूड़ी पकवानों को प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं। सकट का त्योहार शाम को चन्द्रोदय के बाद तिल, गुड़ आदि के जरिए पूजा की जाती हैं चन्द्रमा को अर्घ्य देकर तिलकुट का पहाड़ बनाया जाता हैं शकरकंदी भी रखी जाती हैं अर्घ्य और पूजन के बाद सब कथा सुनते हैं इसके उपरांत सबको प्रसाद दिया जाता हैं।

पुत्रवती माताएं पुत्र और पति की सुख समृद्धि के लिए सकट व्रत माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी सोमवार यानी की आज रख रही हैं इसे तिलकुटा चौथ भी कहा जाता हैं हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक इसी तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इसे भगवान गणेश का जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता हैं और श्री गणेश के प्रतिरूप चन्द्रदेव को इस व्रत में अर्घ्य देकर पूजा जाता हैं। आज माताएं रखेंगी सकट चौथ का व्रत