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बुधवार के दिन करें श्री गणेशाष्टकम् का पाठ विघ्नहर्ता गणेश करेंगे जीवन से हर संकट का अंत, पौराणिक वीडियो में जाने पाठ की विधि और महत्व

 

हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का अलग-अलग देवताओं से संबंध माना गया है, और बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। श्री गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और शुभारंभ के देवता माना जाता है, उनकी उपासना से जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं। विशेष रूप से बुधवार के दिन श्री गणेशाष्टकम् का पाठ करना अत्यंत फलदायी और मंगलकारी माना जाता है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/AQHjMP0_Q70?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/AQHjMP0_Q70/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="श्री गणेशाष्टकम् | Shri Ganesh Ashtakam | पंडित श्रवण कुमार शर्मा द्वारा | Ganeshashtak Hindi Lyrics" width="1250">
श्री गणेशाष्टकम्, संस्कृत में रचित एक स्तुति है, जिसमें भगवान गणेश के आठ प्रमुख स्वरूपों और उनके दिव्य गुणों का उल्लेख किया गया है। यह स्तोत्र न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि मानसिक बल, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा भी देता है। यह स्तुति विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है, जो जीवन में बार-बार आ रही अड़चनों, असफलताओं या मानसिक तनाव से जूझ रहे होते हैं।बुधवार को सुबह स्नान करके, साफ वस्त्र धारण कर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप जलाएं और धूप-गंध से पूजन करें। तत्पश्चात श्रद्धा पूर्वक श्री गणेशाष्टकम् का पाठ करें। यह पाठ केवल 8 श्लोकों का है, लेकिन इसकी शक्ति अत्यंत प्रभावशाली मानी गई है।

श्लोकों का उच्चारण मन को एकाग्र करता है और नकारात्मकता को समाप्त कर व्यक्ति को सकारात्मक मार्ग की ओर प्रेरित करता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि श्री गणेशाष्टकम् का नियमित पाठ करने से विद्या, बुद्धि, और व्यावसायिक सफलता की प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों, व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह पाठ विशेष रूप से लाभकारी होता है।

गणेशाष्टकम् का पाठ करते समय यदि व्यक्ति “ॐ गणेशाय नमः” या “ॐ वक्रतुंडाय नमः” मंत्र का जाप भी करता रहे, तो उसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। इस पाठ को करने के बाद भगवान गणेश को दूर्वा, लड्डू और सिंदूर अर्पित करें। इससे भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्री गणेश केवल विघ्नहर्ता ही नहीं, बल्कि सुखकर्ता भी हैं। वे न केवल हमारे कष्टों को हरते हैं, बल्कि जीवन में नई राह और नए अवसर भी प्रदान करते हैं। बुधवार को यह पाठ करने से ग्रहदोष, बुद्धि भ्रम, संतान संबंधी चिंता, शिक्षा में रुकावट, नौकरी में अस्थिरता जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

वास्तव में, श्री गणेशाष्टकम् केवल एक पाठ नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और भक्ति का एक माध्यम है, जो व्यक्ति को स्वयं से जोड़ता है और उसे जीवन के संघर्षों से लड़ने की शक्ति देता है। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से इसे बुधवार को करता है, तो निश्चित ही उसकी बाधाएं कम होने लगती हैं और उसका आत्मबल मजबूत होता है।