Ravana mandodari vivah: शिव के वरदान से हुआ था रावण मंदोदरी का विवाह, पढ़ें इससे जुड़ी कथा
हिंदू धर्म की पवित्र ग्रंथ रामायण के मुताबिक रावण ने माता सीता का हरण किया था रावण लंका का राजा था उसका विवाह मंदोदरी से हुआ था। वह एक पतिव्रता स्त्री थी जो शिव की अराधक थी। सीता हरण के बाद उसने अपने पति रावण को नीति विरुद्ध कार्यों को करने से रोका था।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक मंदोदरी पंच कन्याओं में से एक थी, उसे चिर कुमारी भी कहा जाता था। मंदोदरी का जन्म हेमा नाम की अप्सरा के गर्भ से हुआ था जिसका विवाह मायासुर से हुआ। मायासुर ने अपनी पत्नी हमेा के लिए मंडोर नगर का निर्माण किया था। जो इस समय राजस्थान में हैं ऐसा भी कहते है कि मंदोदरी मध्यप्रदेश के मंदसोर के राजा की पुत्री थी।
ऐसा कहा जाता है कि मंदोदरी ने अपनी पूजा और तप से भगवान शिव को प्रसन्न किया था। उसने शिव से वरदान मांगा था कि उसका विवाह पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली और विद्वान पुरुष से हो। उस वरदान के परिणाम स्वरूप ही रावण और मंदोदरी की मुलाकता श्री बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में हुई थी।
शक्तिशाली रावण के प्रस्ताव को मायासुर टाल नहीं पाया और इस प्रकार रावण तथा मंंदोदरी का विवाह हुआ। रावण के भाई कुम्भकर्ण का विवाह वज्रज्वला से और विभीषण का विवाह सरमा नामक कन्या से हुआ था।