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Rama ekadashi 2020: कब है रमा एकादशी व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

 

भगवान विष्णु की प्रिय तिथि एकादशी को हिंदू धर्म में विशेष माना गया हैं वही हर महीने में दो एकादशी पड़ती हैं एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरी शुक्ल पक्ष में आती हैं इस तरह से पूरे साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी के व्रत आते हैं। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं रमा एकादशी पर देवी मां लक्ष्मी के रमा स्वरुप के साथ भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना की जाती हैं माता लक्ष्मी के नाम पर ही इस एकादशी का नाम रमा एकादशी पड़ा हैं इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि रमा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और इसकी पूजन विधि क्या हैं तो आइए जानते हैं।

रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पापकर्म नष्ट हो जाते हैं इस व्रत का उल्लेख पद्म पुराण में भी मिलता हैं जिसके मुताबिक रमा एकादशी का व्रत करने से कामधेनु और चिंतामणि के समान फल की प्राप्ति होती हैं इस व्रत को करने से जगत के पालनहार श्री विष्णु के साथ देवी मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती हैं जिससे जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती हैं।

जानिए तिथि और समय—
एकादशी तिथि आरंभ 11 नवंबर 2020 सुबह 3:22 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त 12 नवंबर 2020 रात 12: 40 तक
एकादशी व्रत पारण तिथि 12 नवंबर सुबह 6: 42 ​से 8: 51 मिनट तक
द्वादशी तिथि समाप्त रात 09: 30 तक।

एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प करें। और श्री विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाएं धूप दिखाएं। फल पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें। श्री विष्णु की पूजा में तुलसी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। एकादशी के दिन अन्न का सेवन वर्जित माना गया हैं फलाहार या क्षमतानुसार निर्जला व्रत कर सकते हैं।