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भगवान श्रीराम के चरित्र से सीखनी चाहिए ये बातें

 

मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में जो भी कार्य किए हैं व्यक्ति उनसे बहुत कुछ सीख सकता हैं वही दशरथ पुत्र श्रीराम का नाम कौन नहीं जानता है कितने ही लोग नित्य भगवान राम की पूजा तो करते होंगे पर कभी भी उनके चरित्र की अच्छी बातों को ग्रहण करने की कोशिश नहीं करते हैंवही आज हम आपको सीया पति रामचन्द के चरित्र की कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं और अगर आप इन बातों पर अमल कर लेते हैं तो आपका जीवन भी खुशियों से भर जाएगा। तो आइए जानते हैं कि वो कौन सी बातें हैं।

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हिंदू धर्म की पवित्र पुस्तक रामायण में प्रभु श्रीराम को भगवान श्री हरि विष्णु का अवतार बताया गया हैं जो स्वयं भगवान के गुणों से ओतप्रोत हैं वही आज समाज में लोगों के आचरण में मिलावट आई हैं। ऐसे में प्रभु श्रीराम के आचरण से हमे पवित्रता की सीख लेनी चाहिए। पिता दशरथ और मां कैकेयी के द्वारा 14 साल का वनवास दिए जाने पर भी श्रीराम ने माता पिता की आज्ञा का पालन किया। साथ ही साथ प्रभु श्रीराम को पता था कि मेरे पिता वचन के आगे मजबूर हैं इसलिए उन्हें उनकी आज्ञा का पालन करना ही होगा। इसलिए श्री राम ने वनवास का मार्ग चुना। हर व्यक्ति के जीवन में गुरु का स्थान बहुत ही बड़ा होता हैं गुरू के ज्ञान से ही व्यक्ति जीवन में सफलता हासिल कर पाता हैं मगर आज का युवा गुरू की आज्ञा का पालन नहीं करता हैं और बिना मार्गदर्शन के गलत राह पर चलने लगता हैं प्रभु श्रीराम जी ने हमेशा अपने गुरु वशिष्ट की आज्ञा का पालन किया। व्यक्ति को उनके चरित्र से गुरू भक्ति सीखनी चाहिए।

दशरथ पुत्र श्रीराम का नाम कौन नहीं जानता है कितने ही लोग नित्य भगवान राम की पूजा तो करते होंगे पर कभी भी उनके चरित्र की अच्छी बातों को ग्रहण करने की कोशिश नहीं करते हैं रामायण में प्रभु श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार बताया गया हैं जो स्वयं भगवान के गुणों से ओतप्रोत हैं वही आज समाज में लोगों के आचरण में मिलावट आई हैं। भगवान श्रीराम के चरित्र से सीखनी चाहिए ये बातें