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Pradosh Vrat 2020: 29 सितंबर को रखा जाएगा अधिकमास का प्रदोष व्रत, जानिए महत्व

 

हिंदू धर्म में पूजा पाठ और व्रत को विशेष माना गया हैं वही इस समय अधिकमास चल रहा हैं यह महीना श्री हरि विष्णु का प्रिय माह हैं वही 29 सितंबर दिन मंगलवार यानी कल आश्विन माह का प्रदोष व्रत किया जाएगा। यह व्रत अधिकमास का प्रदोष व्रत हैं। मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत आने से यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा। हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया हैं प्रदोष व्रत को विशेष फलदायी माना जाता हैं तो आज हम आपको इस व्रत के महत्व और पूजन मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

पंचांग के मुताबिक हर माह के दोनों पक्षों यानी की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता हैं प्रदोष व्रत शिव और मां पार्वती की पूजा का दिन माना जाता हैं मान्यताओं के मुताबिक जो भी भक्त हर महीने की दोनों त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखता हैं उस पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती हैं। वही सोमवार को प्रदोष व्रत पड़ने से इसे सोम प्रदोषम् या चन्द्र प्रदोषम् कहा जाता हैं वही मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसे भौम प्रदोष कहा जाता हैं। बुधवार को पड़ने वाले व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहते हैं। गुरुवार के दिन पड़ने से इसे गुरु प्रदोष कहा जाता हैं।

वही शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता हैं। वही शनिवार को प्रदोष व्रत पड़ने से इसे शनि प्रदोषम् कहते हैं। रविवार के दिन किया जाने वाला प्रदोष व्रत को रवि प्रदोषम् कहा जाता हैं इस व्रत को करने से लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्त होती हैं।

जानिए शुभ मुहूर्त—
त्रयोदशी तिथि 28 सितंबर रात 8 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 29 सितंबर, दिन मंगलवार रात 10 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी।

प्रदोष पूजा मुहूर्त— शाम 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक।