महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचार
कोरोना महामारी ने देश दुनिया पर अपना कहर जारी रखा है इस महामारी के कारण कई लोग अपने जान भी गवा चुके है अधिकतर लोगों को परेशानियों और समस्याओं ने घेर लिया है ऐसी स्थिति में महावीर जयंती का पर्व देशभर में मनाया गया यह पर्व तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का त्योहार माना जाता हैं
भगवान महावीर स्वामी ने अहिंसा परमोधर्म के सिद्धांत को अपनाकर विश्व को शांति का संदेश दिया। महावीर स्वामी का जन्म ऐसे युग में हुआ, जब हिंसा और जाति पाति के भेदभाव का अंधविश्वास था। भगवान महावीर स्वामी ने 30 साल की आयु में वैराग्य लिया। 12 साल के कठोर तप के बाद उन्हें सच्चा ज्ञान प्राप्त हुआ। 30 साल तक उन्होंने त्याग, प्रेम और अहिंसा का संदेश फैलाया। वह जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर बनें।