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लोगों को परखने का अनुभव नहीं है तो चाणक्य की ये बातें करेंगी आपकी मदद

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: ऐसा माना जाता हैं कि अनुभव संसार का सबसे बड़ा शिक्षक हैं, क्योंकि वो आपको सही और गलत के बीच का फर्क करना सिखाता हैं मगर हर किसी को जीवन में हर चीज का अनुभव हो, ये जरूरी नहीं होता। आज के समय में जब लोगों में इतनी चालाकी और छल बढ़ गया है, ऐसे में सही लोगों की परख करना बहुत ही जरूरी होता हैं। मगर सही लोगों की परख आप तभी कर सकते हैं जब आपने तमाम तरह के लोगों के बीच समय बिताया हो। आप जमाने में लोगों के तरह तरह के रूप से वाकिफ हो।

अगर आपको लोगों की परख करना नहीं आता हैं तो चाणक्य की कुछ बातें आपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं तो आज हम आपको अपने लेख द्वारा बताने जा रहे हैं कि चाणक्य ने धोखे से बचने और लोगों की परख करने के लिए किन बातों को बताया है, तो आइए जानते हैं। 


 
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:,
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा

सोने को परखने के लिए सोने को रगड़ा जाता है, काट कर देखा जाता है, आगर में तपाया जाता हैं और सोने को पीटा जाता है, तब जाकर ये पता चलता है कि सोना खरा है या नहीं, ठीक इसी तरह मनुष्य को परखने के लिए चार मापदंड होने चाहिए। कोई व्यक्ति केवल अपने बारे में सोचता है या दूसरों के लिए त्याग की भावना रखता है

ये जरूर देखना चाहिए त्याग की भावना मनुष्य में इंसानियत लाती हैं अगर कोई व्यक्ति दूसरों को खुशी देने के लिए खुद दुख सहने को तैयार रहता है, तो उसे भरोसेमंद माना जा सकता हैं। किसी भी मनुष्य के व्यक्तित्व में उसका चरित्र बहुत मायने रखता है इसलिए किसी भी व्यक्ति को परखते वक्त उसके चरित्र को जरूर परखें। चरित्रवान लोग उसूलों की अहमियत को समझते हैं। 

क्रोध, स्वार्थ, झूठ बोलना, घमंड और आलस जैसे गुण जिस मनुष्य में होते हैं वो भरोसे के लायक नहीं होता हैं इसलिए उसे इन गुणों को लेकर जरूर परखना चाहिए व्यक्ति को शांत, शालीन और सच बोलने वाला होना चाहिए। मनुष्य कोई काम धर्म की राह पर चलकर करता है या अधर्म की। व्यक्ति को परखते समय उसे इस मापदंड पर परखना बहुत जरूरी हैं अधर्म की राह पर चलने वाले कभी भी किसी को धोखा दे सकते हैं उन पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।