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Guru Gobind Singh Death Anniversary : गुरु गोबिंद सिंह के ये अनमोल विचार कर देंगे आपकी तरक्की की राहें आसान

 

सिख धर्म के आखिरी धर्म गुरु, गुरु गोबिंद सिंह थे। गुरु गोबिंद को ज्ञान, सैन्य क्षमता और दूरदृष्टि का सम्मिश्रण माना गया हैं इनका जन्म पटना साहिब में हुआ था। सात अक्टूबर 1708 को वे मुगलों से लड़ाई में शहीद हुए थे। पटना साहिब में आज भी उनकी याद में बना एक खूबसूरत गुरुद्वारा मौजूद हैं उन्होंने ही वर्ष 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। आपको बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह की कुछ खास बातें अगर व्यक्ति अपने जीवन में उतार लें तो वह जरूर सफलता को हासिल कर सकता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख में गुरु गोविंद सिंह की कुछ अनमोल बातों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। 1-धरम दी किरत करनी— अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं। दसवंड देना— अपनी कमाई का दसवां भाग दान में देना चाहिए।
2-गुरुबानी कंठ करनी— गुरुबानी का कंठस्थ कर लेना चाहिए।
कम करन विच दरीदार नहीं करना— काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें। 3-धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना— अपनी जवानी, जानि और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें।
4-दुश्मन नाल साम, दाम, भेद आदिक, उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना— दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने सामने के युद्ध में पड़ें। 5-किसी दिन निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना— किसी की चुगली निंदा से बचें और किसी से ईष्या करने के बजाय मेहनत करें।
6-परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग, मानुख दि यशाशक्त सेवा करनी— किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता जरूर करनी चाहिए।