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Chanakya niti: इनको भूलकर भी ना लगाए पैर, बर्बाद हो जाता है जीवन

 

आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों के कारण देश विदेश में प्रसिद्ध माने जाते हैं चाणक्य ने नीतिशास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र किया हैं उन्होंने धन, तरक्की, कारोबार, मित्रता, दुश्मनी और वैवाहिक जीवन समेत अन्य कई जुड़ी समस्याओं का हल बड़ी ही सरलता से बताया हैं चाणक्य की नीतियों को अपना पाना थोड़ा मुश्किल होता हैं मगर जिसने भी अपनाया उसे सफल होने से कोई रोक नहीं सकता हैं नीतिशास्त्र में चाणक्य ने ऐसी चीजों जिक्र किया है जिन्हें कभी भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने वाला व्यक्ति बर्बाद हो जाता हैं ऐसे लोगों को भगवान कभी माफ नहीं करते हैं।

पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च।
नैव गावं कुमारीं च न वृद्धं न शिशुं तथा॥

आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक में बताया है कि आग, गाय, गुरु, ब्राह्मण, कुमारी कन्या, बुजुर्ग और शिशु को कभी भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए। चाणक्य का कहना है कि ऐसा करना असभ्यता हैं आग को देवता माना जाता हैं और देवताओं का अपमान नहीं किया जाता हैं। चाणक्य कहते है कि अगर आग पैर से छुएंगे तो पैर जल सकता है चाणक्य कहते है कि कई काम आग को साक्षी मानकर किए जाते हैं इसलिए उसे पैरों से नहीं छूना चाहिए।

चाणक्य अनुसार गुरु, ब्राह्मण और वृद्ध पूजनयी होते हैं इसलिए उन्हें कभी पैर से नहीं छूना चाहिए। चाणक्य कन्या और शिशु छोटे होने के बावजूद आदरणीय होते हैं चाणक्य कहते हैं कि गाय को पैर लगाना पाप माना जाता हैं वेदों में बताया गया हैं कि गाय में देवताओं का वास होता हैं ऐसे में जो लोग गाय को पैर मारते हैं वह नष्ट हो जाते हैं।