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चाणक्य अनुसार हर व्यक्ति के होते हैं 5 पिता, कभी ना करें इनका अपमान

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: चाणक्य की नीतियां हर किसी के लिए मायने रखती हैं इनकी नीतियों से मनुष्य सफलता की सीढ़ियां चढ़ता हैं वही संसार में पिता को आकाश से भी ऊंचा कहा गया हैं क्योंकि वो अपनी संतान के लिए एक छत्र की भूमिका अदा करता हैं पिता की देखरेख में ही बच्चा फल की तरह खिलता हैं अपने बच्चे के जीवन को संवारने के लिए पिता अपना पूरा जीवन न्योछावर कर देता हैं

इसलिए पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिए। लेकिन इस मामले पर चाणक्य का कहना है कि जीवन में केवल जन्म देने वाला ही पिता नहीं होता, बल्कि उसके अलावा चार अन्य लोगों को भी पिता के समान माना गया हैं इस तरह से हर व्यक्ति के जीवन में पांच पिता होते हैं ये सभी बच्चे के कल्याण के लिए ही काम करते हैं, इसलिए कभी भी इनका अपमान नहीं करना चाहिए। तो आज हम आपको बता रहे हैं कि चाणक्य ने किन लोगों को पिता कहा हैं, तो आइए जानते हैं।

चाणक्य कहते हैं कि जिसकी वजह से आपका अस्तित्व हैं जो आपको इस संसार में लेकर आया हैं वो पिता देवतुल्य होता हैं आप उसी का अंश हैं। ऐसे पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिए। जन्मदाता के अलावा घर का वो बड़ा व्यक्ति जो आपको अच्छे संस्कार देता हैं, अच्छी बातें सिााता हैं उस व्यक्ति को भी पिता के समान ही सम्मान देना चाहिए क्योंकि वो आपके व्यक्तित्व का निर्माण में सकारात्मक भूमिका निभाता हैं। गुरु को भविष्य निर्माता कहा गया हैं गुरु से शिक्षा प्राप्त करने के बाद मनुष्य सही मार्ग पर अग्रसर होता हैं उसे सही और गलत के बीच फर्क समझ में आता हैं इसलिए ऐसे गुरु को हमेशा पिता की तरह ही सम्मान देना चाहिए। 


 
भूखे पेट संसार में कोई काम नहीं हो सकता हैं जो लोग आपको भूख के समय भोजन कराते हैं आपको कमाने का साधन उपलब्ध कराता हैं उसका सम्मान पिता की तरह किया जाना चाहिए। आपके अच्छे समय में साथ देने वाले हजारों होते हैं लेकिन बुरे वक्त में कोई नहीं। इसलिए कहा जाता है कि बुरे वक्त में अपनों की पहचान होती हैं जो लोग आपके बुरे समय में आपके साथ खड़े रहे। उसे भी पिता के समान सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि पिता किसी भी स्थिति में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ता।