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श्राद्ध में ब्राह्मण भोज के ये हैं सही नियम

 

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष को बहुत ही खास महत्व दिया जाता हैं वही हिंदू धर्म में पितृपक्ष या श्राद्ध आने पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए लोग श्राद्ध करते हैं वही श्राद्ध में तर्पण, पिंड दान और ब्राह्मण भोजन का विशेष महत्व बताया जाता हैं। वही हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक श्राद्ध आने पर ब्राह्मण के मुख द्वारा ही देवता और पितर भोजन ग्रहण करते हैं मगर आप जानते हैं श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण को भोजन करवाने के भी कई विशेष नियम हिंदू धर्म में बताए गए हैं श्राद्ध का भोजन ग्रहण करने से पहले हर ब्राह्मण को इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। तो आज हम आपको उन नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

वही श्राद्ध पर भोजन ग्रहण करने आए ब्राह्मण के लिए खास नियम—
श्राद्ध पर भोजन ग्रहण करने वाले ब्राह्मण को हमेशा ही मौन रहकर भोजन करना चाहिए। जरुरत पड़ने पर सिर्फ हाथों से संकेत देने चाहिए। वही श्राद्ध भोज करते समय किसी भी ब्राह्मण को वहां परोसे गए भोजन की निंदा या प्रशंसा नहीं करनी चाहिए। वही श्राद्ध में भोजन ग्रहण करने के लिए बुलाए गए ब्राह्मण को केवल चांदी, कांस या पलाश के पत्तों पर ही खाना परोसना चाहिए। हिंदू धर्म में ऐसा करना निषेध बताया गया हैं वही श्राद्ध का भोजन ग्रहण करने आए ब्राह्मण से कभी भी भोजन कैसा बना हैं, यह सवाल नहीं पूछना चाहिए। वही श्राद्ध का भोजन ग्रहण करने के लिए बुलाए गए ब्राह्मण को कभी भी श्राद्ध के दिन दान नहीं देना चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मण को भी ध्यान रखना चाहिए कि वो एक ही दिन में दो से तीन जगह श्राद्ध भोज ग्रहण करने न जाए।

श्राद्ध पर भोजन ग्रहण करने वाले ब्राह्मण को हमेशा ही मौन रहकर भोजन करना चाहिए। जरुरत पड़ने पर सिर्फ हाथों से संकेत देने चाहिए। वही श्राद्ध भोज करते समय किसी भी ब्राह्मण को वहां परोसे गए भोजन की निंदा या प्रशंसा नहीं करनी चाहिए। वही श्राद्ध में भोजन ग्रहण करने के लिए बुलाए गए ब्राह्मण को केवल चांदी, कांस या पलाश के पत्तों पर ही खाना परोसना चाहिए। श्राद्ध में ब्राह्मण भोज के ये हैं सही नियम