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आप नहीं जानते देवी शक्तिपीठों की ताकत वीडियो में माता रानी के दर्शन कर कमेंट करें जय माता दी और पाएं दुखों से मुक्ति

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: माता के नौ स्वरूपों से हर कोई परचित है और नवरात्रि के पावन दिनों में इन्हीं स्वरूपों की आराधना की जाती है। सनातन धर्म में नवदुर्गा पूजन को विशेष बताया गया है और इनमें भी माता के शक्तिपीठों को महत्वपूर्ण बताया गया है आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा माता के शक्तिपीठों से जुड़ी रोचक जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं। 

यहां वीडियो में करें माता के नौ शक्तिपीठों के दर्शन

<a href=https://youtube.com/embed/vbq-YJwS2cE?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/vbq-YJwS2cE/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

पुराणों की मानें तो जहां जहां देवी सती के शरीर का अंग गिरा था वहां पर शक्तिपीठों का निर्माण हुआ है देश नहीं बल्कि विदेशों में भी माता सती के ​शक्तिपीठ हैं जहां भक्त देवी दर्शन व पूजन को जाते हैं देवी पर्व नवरात्रि व अन्य विशेष दिनों में इन शक्तिपीठों में भक्तों की भारी भीड़ भी देखने को मिलती है। 

माता रानी के प्रसिद्ध शक्तिपीठ—
1. कालीघाट मंदिर कोलकाता, यहां माता के पांव की चार अंगुलियां गिरी थी। 
2. कोलापुर महालक्ष्मी मंदिर, यहां पर माता सती के त्रिनेत्र गिरे थे। 
3. अम्बाजी मंदिर गुजरात, यहां पर माता सती का ह्रदय गिरा था। 
4. नैना देवी मंदिर, इस पावन स्थल पर माता की आंखे गिरी थी। 


5. कामाख्या देवी मंदिर, यहां पर देवी सती के गुप्तांग गिरे थे। 
6. हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन, माता सती का बायां हाथ और होंठ यहां पर ही गिरा था। 
7. ज्वाला देवी मंदिर में सती की जीभ गिरी थी। 
8 काली घाट में माता के बाएं पैर का अंगूठा गिरा था। 
9. वाराणसी विशालाक्षी उत्तर प्रदेश के काशी में मणिकर्णिका घाट पर माता के कान के कणिजडित कुंडली गिरे थे।  

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी के नौ शक्तिपीठों के दर्शन करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है साथ ही दुखों निवारण भी हो जाता है।