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माता के ये चमत्कारी मंदिर, जहां दर्शन मात्र से सभी कष्ट होते हैं दूर

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही पंचांग के मुताबिक इस साल शारदीय नवरात्रि का पर्व 7 अक्टूबर से आरंभ होगा और 15 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इन नौ दिनों की नवरात्रि में भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन करते हैं।

मान्यता है कि भक्त अगर नौ दिनों तक देवी मां की श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करे तो मां उनके सभी कष्ट दूर कर देती हैं कहा जाता हैं कि नवरात्रि में माता के मंदिरों में जाकर सच्चे मन से दर्शन मात्र से जीवन धन्य हो जाता हैं मां की कृपा से उनका जीवन सुख समृद्धि से भरा रहता हैं तो आज हम आपको माता के चमत्कारी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 


 51 शक्तिपीठों में से एक नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित हैं यहां मां नैना देवी की मूर्ति स्थापित की गई हैं कहा जाता हैं कि इसी जगह पर माता सती की आंख गिरी थी इसी वजह से इस माता का नाम नैना देवी पड़ा। कामाख्या मंदिर गुवाहाटी असम शहर की नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक हैं इस मंदिर में मां कामाख्या की मूर्ति स्थापित हैं यह सिद्ध शक्तिपीठ हैं यहां तांत्रिक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता हैं। 

दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के किनारे स्थित है इस मंदिर में मां भवतारिणी की मूर्ति स्थापित है इन्हें मां काली का रुप माना जाता हैं। वही माता ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित हैं इस मंदिर में हमेशा आग की लपटे निकलती रहती हैं इस लिए इसे माता ज्वाला का मंदिर कहा जाता हैं यह 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया हैं। करणी माता का मंदिर राजस्थान के देशनोक में स्थित हैं इसे चूहों का मंदिर भी कहा जाता हैं, क्योंकि इस मंदिर में हजारों चूहा एकत्रित होते हैं करणी माता को दुर्गा का रूप मानते हैं।