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चिंतामन गणेश मंदिर में तीन स्वरूपों में विराजते हैं गणपति, जानिए इस मंदिर के बारे में

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पूजा पाठ के साथ साथ तीर्थ स्थलों को विशेष माना जाता हैं वही उज्जैन में श्री गणेश का पवित्र तीर्थ चिंतामन गणेश मंदिर के रूप में स्थापित हैं ये स्थान उज्जैन से करीब 6 किलोमीटर दूर फतेहाबाद रेलवे लाइन के पास स्थित हैं चिंतामन गणेश मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यहां पर श्री गणेश तीन रूप में एक साथ विराजमान हैं

ये तीनों स्वरूप चितांमण गणेश, इच्छामण गणेश और सिद्धिविनायक के रूप में जाने जाते हैं कहा जाता हैं कि इनमें से चिंतामण गणेश चिंताओं को दूर करते हैं इच्छामण इच्छाओं की पूर्ति करते हैं और सिद्धिविनायक रिद्धि सिद्धि देते हैं ये भी माना जाता हैं कि गणेश जी की ऐसी अद्भुत और अलौकिक प्रतिमा देश में शायद और कहीं नहीं हैं, तो आज हम आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

चिंतामन मंदिर से जुड़ी कथा भी सुनने में आती हैं कहते हैं कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने गणपति की ये मूर्ति स्वयं स्थापित कर इस मंदिर का निर्माण कराया था। पौराणिक कथा के अनुसार वनवास काल में एक बार सीता जी को प्यास लगी। तब राम की आज्ञा से लक्ष्मण जी ने अपने तीर इस स्थान पर मारा जिससे पृथ्वी में से पानी निकला और यहां एक बावडी बन गई

तभी श्रीराम ने अपनी दिव्यदृष्टि से वहां की हवाएं दोषपूर्ण होने की बात जानी और इसे दूर करने के लिए गणपति से अनुरोध कर उनकी उपासना की इसके बाद ही सीता जी बावड़ी के जल को पी सकीं। इसके पश्चात श्रीराम ने यहां के इस चिंतामन मंदिर का निर्माण कराया। कहते हैं कि आज भी लक्ष्मण बावड़ी के नाम से वो तालाब यहां मौजूद हैं। इस मंदिर में श्री गणेश से जुड़े कई पर्व बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं जैसे गणेश चतुर्थी के अवसर पर चिंतामन गणेश मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण भगवान गणेश का दर्शन करने आते हैं।