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आखिर क्यों महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के वक्त महिलाओं को कराया जाता है घूंघट

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में पूजा पाठ के साथ साथ पूजन स्थल और ​तीर्थ स्थलों को भी विशेष बताया गया है मान्यता है कि यहां दर्शन पूजन से साधक के कष्टों का निवारण होता है और उसे मानसिक शांति व ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है तो हम आपको एक ऐसे ही पवित्र स्थल के बारे में बतार है उज्जैन को धार्मिक नगरी माना जाता है और यहां महाकालेश्वर मंदिर की कई कथाएं प्रचलित है। 

मान्यता है कि महाकालेश्वर मंदिर में पूजा आराधना में शामिल होने के लिए भक्तों की काफी भीड़ होती है ये इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान की भस्म आरती होती है जिसमें कई सारे परंपराएं निभाई जाती है कहा जाता है कि भस्म आरती के समय महिलाओं को बाबा महाकाल के दर्शन नहीं करने दिए जाते है इस दौरान महिलाएं अपना घूंघट कर लेती है इसको लेकर कई वजह बताए गए है जिनमें से एक वजह आज हम आपको अपने इस लेख में बता रहे है तो आइए जानते है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकालेश्वर मंदिर भस्म आरती के वक्त महाकाल शिव रूप से शंकर रूप में आते है यानी वे निराकार से साकार रूप धारण कर लेते है और इसी वक्त उन्हें भस्म लगाई जाती है और उनके अभ्यंग स्नान के दर्शन महिलाओं को करना मना है। 

ऐसे में उन्हें घूंघट करने के लिए कहा जाता है कहा जाता है कि जिस प्रकार से वस्त्र बदले जाते है वैसे ही भोलेनाथ निराकार से साकार रूप को धारण कर लेते है और यही एक मुख्य कारण है जिस वजह से महिलाओं को भगवान शिव के दर्शन के लिए रोका जाता है या उन्हें घूंघट करने के लिए कहा जाता है।