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आखिर कैसे हुई प्रसि​द्ध शक्तिपीठ कामाख्या देवी मंदिर की उत्पत्ति

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में देवी देवताओं की पूजा को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है हमारे देश में कई ऐसे पवित्र स्थल है जो लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र बने हुए है यहां देवी देवताओं की पूजा आराधना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

धार्मिक तौर पर कुल 51 शक्तिपीठ है जिसमें से एक कामाख्या मंदिर को सभी शक्तिपीठ का महापीठ माना जाता है यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और चमत्कारी है, कहते है कि ये शक्तिपीठ देवी सती से जुड़ा है इस मंदिर में मानी गई सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

आपको बता दें कि ये पवित्र स्थल असम की राजधानी दिसपुर से दस किलोमीटर की दूरी पर है साथ ही इस मंदिर को अघोरियों और तांत्रिक का गढ़ भी माना जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे है कि प्रसि​द्ध शक्तिपीठ कामाख्या देवी मंदिर की उत्पत्ति कैसे हुई, तो आइए जानते है। 

जानिए कैसे हुई इस शक्तिपीठ की उत्पत्ति—
धर्म पुराण के अनुसार इस शक्तिपीठ की उत्पत्ति तब हुई जब भगवान शिव का माता सती के प्रति मोह भंग करने के लिए विष्णु जी ने अपने चक्र से माता सती के 51 भाग किए थे और पृथ्वी लोक में जहां जहां माता के शरीर का अंग गिरा वहां पर माता के एक शक्तिपीठ की उत्पत्ति हुई इसी तरह जहां माता की योनी गिरी उस स्थान को कामाख्या शक्तिपीठ की उत्पत्ति हुई यहां वर्षभर भक्तों का ताता लगा रहता है मान्यता है कि इस पवित्र स्थल पर आकर पूजा पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते है और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है नवरात्रि के पवित्र दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है।