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Padmini Ekadashi Vrat 2020: अधिक मास में है इस एकादशी का खास महत्व, जानिए नियम

 

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही पवित्र और खास माना जाता हैं। पद्मिनी एकादशी मलमास या अधिकमास में पड़ती हैं और अधिक मास की शुरूवात हो चुकी हैं जो कि अब 16 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी। अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता हैं इसलिए इस महीने में पड़ने वाली एकादशी को पुरुषोत्तमी एकादशी के नाम से जानते हैं हिंदू धर्म शास्त्रों में इस एकादशी का विशेष महत्व होता हैं पद्मिनी एकादशी व्रत इस महीने 27 सितंबर दिन रविवार के दिन रखा जाएगा। जबकि व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाएगा।

पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर सूर्य भगवान को जल अर्पित करें। इसके बाद अपने पितरों का श्राद्ध करें। श्री विष्णु की पूजा अर्चना करें। ब्राह्मण को फलाहार का भोजन करवाएं और उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें। इस दिन इंदिरा एकादशी की व्रत कथा सुनना चाहिए। फिर द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में व्रत खोलना चाहिए। पद्मिनी एकादशी जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जो भी मनुष्य पद्मिनी एकादशी के व्रत का पालन करता हैं उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती हैं इस व्रत को करने से व्यक्ति हर तरह की तप तपस्या, यज्ञ और व्रत आदि से मिलने वाले फल के समान फल को प्राप्त करता हैं। यह भी कहा जाता है कि सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को पुरुषोत्तमी एकादशी के व्रत की कथा सुनाकर इसके माहात्म्य से अवगत करवाया था। पद्मिनी एकादशी व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करना चाहिए।