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जानिए ओणम का महत्व और इति​हास

 

आपको बता दें, कि दक्षिण भारत में ओणम के पर्व को बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही ओणम का त्योहार दक्षिण भारत में खासकर केरल में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं वही ओणम को खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता हैं वही 1 सितंबर यह पर्व से शुरू हो चुका हैं वही यह त्योहार 13 सितंबर तक मनाया जाता हैं वही ओणम पर्व को इसलिए भी खास और विशेष माना गया हैं क्योंकि इसकी पूजा मंदिर में नहीं बल्कि घरों में ही की जाती हैं। ओणम को मनाने के पीछे एक पौराणिक मान्यता यह भी है, कि केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था। उसके आद सत्कार में ही ओणम का त्योहार मनाया जाता हैं वही ओणम पर्व का खेती और किसानों से भी गहरा नाता माना जाता हैं किसान अपने फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज के लिए श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते हैं। वही फसल पकने की खुशी लोगों के मन में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाती हैं वही इन दिनों पूरे घर को विशेष रूप से साफ सफाई की जाती हैं वही इसके बाद लोग पूरे घर को पुष्पों से सजाते हैं वही घरों को पुष्पों से सजाने का कार्यक्रम पूरे दस दिनों तक चलता हैं वही लोग अपने दरवाजों पर पुष्पों से रंगोली भी बनाते हैं। बता दें कि ओणम उत्सव के समय एक पारंपरिक दावत समारोह का आयोजन किया जाता हैं इस समारोह में मीठे व्यंजनों के अलावा नौ स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाते हैं।

थिरुवोणम मुहूर्त—
सितंबर 10, 2019 को 11:09 बजे से थिरुवोणम नक्षत्रं आरम्भ
सितंबर 11, 2019 को 1:19 पर थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त

फसल पकने की खुशी लोगों के मन में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाती हैं वही इन दिनों पूरे घर को विशेष रूप से साफ सफाई की जाती हैं वही इसके बाद लोग पूरे घर को पुष्पों से सजाते हैं वही घरों को पुष्पों से सजाने का कार्यक्रम पूरे दस दिनों तक चलता हैं वही लोग अपने दरवाजों पर पुष्पों से रंगोली भी बनाते हैं। बता दें कि ओणम उत्सव के समय एक पारंपरिक दावत समारोह का आयोजन किया जाता हैं इस समारोह में मीठे व्यंजनों के अलावा नौ स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाते हैं। जानिए ओणम का महत्व और इति​हास