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Mahalaxmi Vrat: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है यह व्रत

 

हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक अश्विन मास में महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता हैं ऐसा कहते हैं कि ये व्रत करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं इस व्रत को करने वालों के जीवन में सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं इस दिन गज लक्ष्मी यानी हाथी पर बैठी महालक्ष्मी की आराधना उपासना की जाती हैं। राधाष्टमी के दिन से शुरू होने वाले इस व्रत में माता लक्ष्मी का खास आह्वान किया जाता हैं पितृपक्ष में पड़ने वाली अष्टमी के दिन इस व्रत का समापन होता हैं तो आज हम आपको इस व्रत के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि महालक्ष्मी का व्रत धन, ऐश्वर्य, समृद्धि और संपदा की प्राप्ति के लिए किया जाता हैं। इस दिन लोग धन संपदा की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं ऐसा कहा जाता हैं कि हाथी पर बैठे माता लक्ष्मी की इस दिन पूजा अर्चना करने से देवी मां प्रसन्न हो जाती हैं महालक्ष्मी के आठ रूप माने गए हैं आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, विजयालक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और विद्या लक्ष्मी। इस व्रत में इन सभी रूपों की पूजा और मंत्रों का जाप किया जाता हैं। इस दिन पूरे विधि विधान के साथ महालक्ष्मी की पूजा अर्चना होती हैं ऐसा कहा जाता हैं कि इस दिन व्रत रखने से देवी मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर कृपा करती हैं जिससे जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती हैं।यहां पढ़े महालक्ष्मी मंत्र—
ऊं आद्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं विद्यालक्ष्म्यै नम:
ऊं सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं अमृतलक्ष्म्यै नम:
ऊं कामलक्ष्म्यै नम:
ऊं सत्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं भोगलक्ष्म्यै नम:
ऊं योगलक्ष्म्यै नम: